NCRT MCQ
- जन्तुओं में निम्नलिखित पदार्थ उत्सर्जी पदार्थ होते हैं। इनमें से सबसे कम विषाक्त का चुनाव करें।
(a) यूरिया
(b) यूरिक अम्ल
(c) अमोनिया
(d) CO₂
- रूधिर का निस्यंदन होता है-
(a) PCT
(b) DCT
(c) संग्रह वाहिनियाँ
(d) मैल्पीजियन काय।
- निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है।
(a) ADH – रूधिर के ऐजियोटेंसिनोजन को एंजियोटेसिन में बदले जाने को रोकता है।
(b) एल्डोस्टेरॉन – पानी के पूनःअवशोषण में मदद करता है।
(c) ANF – सोडियम के पूनः अवशोषण को बढ़ावा देता है।
(d) रेनिन – रससे वारिकाविस्फरण होता है।
- हमारे शरीर से फेफड़ों द्वारा निम्न में से किसकी उच्च मात्रा को निष्कासित किया जाता है?
(a) केवल CO₂
(b) केवल जल
(c) CO₂ व जल
(d) अमोनिया
- मानव मूत्र का pH होता है लगभग-
(a) 6.5
(b) 7
(c) 6
(d) 7.5
- निम्न कथनों में से कौन-सा कथन गलत है?
(a) पक्षी व जमीनी घोंघे यूरिकोटेलिक जन्तु हैं।
(b) स्तनधारी व मेढक यूरियोटेलिक जन्तु हैं।
(c) जलीय उभयचर व जलीय कीट अमोनोटेलिक जन्तु हैं।
(d) पक्षी व सरीसृप यूरियोटेलिक होते हैं।
- निम्न में से कौन-सा जोड़ा गलत है?
(a) यूरिकोटेलिक – पक्षी
(b) यूरियोटेलिक – कीट
(c) अमोनोटेलिक – टैडपोल
(d) यूरियोटेलिक – हाथी
- हम सान्द्र/तनु मूत्र उत्पन्न कर सकते हैं। यह एक विशेष प्रक्रिया (तंत्र) द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया को पहचानें।
(a) स.कु.न. से पुनः अवशोषण
(b) संग्रह वाहिनी से पुनः अवशोषण
(c) दू.कु.न. में पुनः अवशोषण/स्रावण
(d) हेनले पाश/वासा रेक्टा में प्रति धारा क्रियाविधि तंत्र
- अपोहन इकाई (डाएलायसिंग यूनिट) अर्थात् कृत्रिम वृक्क में एक द्रव होता है जो लगभग प्लाज्मा के समान होता है बस इसके अतिरिक्त-
(a) उच्च ग्लूकोज
(b) उच्च यूरिया
(c) यूरिया की अनुपस्थिति
(d) उच्च यूरिक अम्ल
VVI MCQ NEET
- निम्न में कौन मूत्रवृद्धि को रोकने में सहायता करेगा?
(a) एल्डोस्टेरान के कारण वृक्क नलिका से Na⁺ एवं जल का पुनरावशोषण
(b) एट्रियल नेट्रियुरेटिक कारक द्वारा वाहिकाओं का संकीर्णन होना
(c) JG कोशिकाओं द्वारा रेनिन का स्त्रावण कम होना
(d) ADH के अल्पस्त्रवण से अधिक जल का पुनरावशोषण
- सांद्रित मूत्र के निर्माण के लिए निम्न में कौन-सा कारक उत्तरदायी है?
(a) गुच्छीय निस्यंदन के दौरान द्रवस्थैतिक दाब।
(b) एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन का निम्न स्तर।
(c) वृक्कों के आंतरिक मध्यांशी इंटरस्टीशियम की तरफ अति आस्मोलरिटि बनाए रखना।
(d) जक्स्टागुच्छीय कॉम्प्लैक्स द्वारा इरिथ्रोपोइटिन का स्त्रवण।
- रक्तदाब आयतन में कमी के कारण किसका मोचन नहीं होगा?
(a) रेनिन (Renin)
(b) एट्रियल नेट्रियुरेटिक कारक
(c) ऐल्डोस्टेरोन
(d) ADH
- निम्न में कौन-सा कथन उचित है?
(a) हेनले पाश की आरोही भुजा जल के लिए अपारगम्य है।
(b) हेनले पाश की अवरोही भुजा जल के लिए अपारगम्य है।
(c) हेनले पाश की आरोही भुजा जल के लिए पारगम्य है।
(d) हेनले पाश की अवरोही भुजा विद्युत अपघट्यों के लिए पारगम्य है।
- नेफ्रॉन का वह भाग, जो सोडियम के सक्रिय पुनः अवशोषण का कार्य करता है, वह है-
(a) बोमेन संपुट
(b) हेनले पाशकुंडली का अवरोही पाद
(c) दूरस्थ संवलित नलिका
(d) निकटस्थ संवलित नलिका।
- स्तनधारियों में, कौन-सी रुधिर वाहिका सामान्यतः सबसे अधिक यूरिया वहन करती है?
(a) यकृत – शिरा
(b) यकृत निवाहिका शिरा
(c) वृक्क – शिरा
(d) पृष्ठ महाधमनी
- मानव मूत्र आमतौर से अम्लीय होता है क्योंकि- (a) उत्सर्जित प्लाज्मा प्रोटीनें अम्लीय होती हैं।
(b) पोटैशियम और सोडियम विनिमय से अम्लता पैदा की जाती है।
(c) हाइड्रोजन आयन सक्रिय रूप से निस्पंद से स्त्रावित किए जाते हैं।
(d) परिनलिकाकार कोशिकाओं में, सोडियम ट्रांसपोर्टर प्रत्येक सोडियम आयन का विनिमय एक हाइड्रोजन आयन से कर देता है।
- निम्नलिखित में से किसके द्वारा दूरस्थ संवलित नलिका में सोडियम का पुनरावशोषण बढ़ जाता है?
(a) ऐल्डोस्टेरोन के स्तर के बढ़ने से।
(b) एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन के स्तर के बढ़ने से।
(c) ऐलडोस्टेरोन के स्तर के घटने से।
(d) एन्टीडाइयूरेटिक हॉर्मोन के स्तर के घटने से
- नेफ्रॉन का वह कौन-सा भाग है, जिसमें गुच्छीय निस्यंदन में से वैद्युत अपघट्यों तथा जल की अधिकतम मात्रा (70-80 प्रतिशत) का पुनः अवशोषण होता है-
(a) हेनले पाश की आरोही भुजा
(b) दूरस्थ कुण्डलित नलिका
(c) समीपस्थ कुण्डलित नलिका
(d) हेनले पाश की अवरोही भुजा
- ग्लोमेरुलर निस्पंद दर (GFR) में गिरावट सक्रिय करता है-
(a) रेनिन उत्सर्जन हेतु जक्स्टाग्लोमेरुलर कोशिकाओं को
(b) एल्डोस्टीरोन के उत्सर्जन हेतु एडरीनल कार्टेक्स को
(c) एडरीनेलीन उत्सर्जन हेतु एडरीनल मेडुला को
(d) वैसोप्रेसीन उत्सर्जन हेतु पश्च पिट्युटरी को।
- नाइट्रोजनी अपशिष्टों को यूरिकोटेलिक विधि से बाहर निकाला जात है-
(a) सरीसृपों तथा पक्षियों में
(b) पक्षियों तथा ऐनेलिडों में
(c) ऐम्फिबियनों तथा सरीसृपों में
(d) कीटों तथा ऐम्फिबियनों में
MCQ SET उत्सर्जन की विधियाँ
- एक विशेषता जो यूरिया, यूरिक अम्ल एवं अमोनिया सभी में है-
(i) ये नाइट्रोजनी व्यर्थ पदार्थ हैं।
(ii) इन सभी के उत्सर्जन के लिये जल की उच्च मात्रा की आवश्यकता होती है।
(iii) ये सभी समान रूप से विषैले होते हैं।
(iv) इनका उत्पादन वृक्कों में होता है।
(a) (i), (iii) व (iv)
(b) केवल (i)
(c) (i) व (iii)
(d) (i) व (iv)
- निम्न में से कौन-सा जीव उसके उत्सर्जी अंगों के साथ सुमेलित है?
(a) मनुष्य : वृक्क, सीबेसियस ग्रंथियाँ व अश्रु ग्रंथियाँ
(b) केंचुआ: ग्रसनीय, अध्यावरणी व पटीय वृक्कक
(c) तिलचट्टाः मैल्पीजियन टयूब्यूल्स व एन्टेरिक सीका
(d) मेढकः वृक्क, त्वचा व मुखीय उपकला
5. निम्न कथनों में से कौन सा कथन गलत है?
(a) यूरियोटेलिक जन्तुओं में अमोनिया उपापचय का उत्पाद नहीं है।
(b) स्तनधारियों में यूरिया की कुछ मात्रा वृक्क मैट्रिक्स में बनी रहती है, जो ओस्मोलेरिटी को बनाये रखती है।
(c) मछलियों में वृक्क अमोनियम ऑयन्स को निष्कासित करने में कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाता है।
(d) यूरिया व यूरिक अम्ल, अमोनिया की अपेक्षा कम विषैले होते हैं।
- निम्न में से जीवों का कौन-सा जोड़ा यूरिकोटेलिक है?
(a) उपास्थिल मछली और स्तनपाई
(b) सरीसृप व स्तनपाई
(c) पक्षी व कीट
(d) अस्थिल मछली व छिपकलियां
9. मनुष्यों में प्रमुख नाइट्रोजनी उत्सर्जी यौगिक संश्लेषित होते हैं-
(a) वृक्कों में परन्तु अधिकतर यकृत द्वारा निष्कासित होते हैं।
(b) वृक्कों द्वारा भी निष्कासन होता है।
(c) यकृत में और उनके द्वारा पित्त से भी निष्कासित होते हैं।
(d) यकृत में, परन्तु अधिकांशतः वृक्कों द्वारा निष्कासित होते हैं।
10. लगभग सभी जलीय जन्तु अमोनिया को नाइट्रोजनी व्यर्थ उत्पाद के रूप में उत्सर्जित करते हैं। निम्न कथनों में कौन-सा कथन इस स्थिति के साथ सहमति में नहीं है?
(a) अमोनिया जल में आसानी से विलेय है।
(b) अमोनिया शरीर से गैसीय अवस्था में मुक्त होती है।
(c) अमोनिया अत्यधिक विषैली होती है और जब निर्मित होती है तो इसका उत्सर्जन आवश्यक होता है।
(d) (a) व (b) दोनों
- निम्न विकल्पों में से कौन-सा विकल्प सुमेलित है?
(a) मनुष्य-यूरियोटेलिक
(b) पक्षी-अमोनोटेलिक
(c) मछली-यूरिकोटेलिक
(d) मेढक-यूरिकोटेलिक
- निम्न में से कौन सबसे अधिक विषैला उत्सर्जी उत्पाद है?
(a) CO2
(b) अमोनिया
(c) यूरिया
(d) अमीनो अम्ल
मानव उत्सर्जन तंत्र
- निम्न में से कौन एकल वृक्कक नलिका (यूरिनिफेरस ट्यूब्यूल) का एक भाग नहीं है?
(a) दूरस्थ कुण्डलित नलिका
(b) संग्रह वाहिनी
(c) बोमेन्स सम्पुट
(d) हेनले पाश
- निम्न में से कौन वृक्क शंकु का एक भाग नहीं है?
(a) पेरिट्यूब्यूलर केशिकाएँ
(b) कुण्डलित नलिकाएँ
(c) संग्रह वाहिनियाँ
(d) हेनले का पाश
- निम्न कथनों में से कौन-सा कथन सही है?
(a) बल्कुटीय वृक्कक या कार्टिकल नेफ्रान्स में वासा रेक्टा सुविकसित होता है।
(b) PCT और DCT (समीपस्थ कुण्डलित नलिका और दूरस्थ कुण्डलित नलिका) वृक्क के मध्यांश में स्थित होती हैं।
(c) केशिकागुच्छ बोमेन्स सम्पुट को घेरता या बन्द रखता है।
(d) हेनले पाश की आरोही भुजा दूरस्थ कुण्डलित नलिका के रूप में विस्तारित होती है।
- निम्न में से कौन-से कथन गलत हैं?
(i) बाहरी बल्कुट और अन्दर का मध्यांश वृक्क के दो क्षेत्र हैं।
(ii) मध्यांश कुछ वृक्क शंकुओं में विभक्त रहता है।
(iii) शंकु आगे कैलिक्स में खुलते हैं।
(iv) शंकुओं के बीच वल्कुट के भीतरी विस्तारण को बरतीनी के वृक्कीय स्तम्भ कहते हैं।
(a) (i) व (iv)
(c) (ii) व (iii)
(b) (ii) व (iv)
(d) इनमें से कोई नहीं।
- दिये गये कथनों को पढ़िये और सही विकल्प का चयन करिए। कथन 1: एक अच्छे सरोकार के तहत जैसे ही मूत्र, मूत्र नली से मूत्राशय में आता है तो मूत्राशय विस्तृत हो जाता है। कथन 2: मूत्राशय सर्वत्र ट्रांजिशनल एपिथीलियम द्वारा आस्तरित रहता है।
(a) कथन 1 व 2 दोनों सही हैं।
(b) कथन 1 गलत और कथन 2 सही है।
(c) कथन 1 सही और कथन 2 गलत है।
(d) कथन 1 व 2 दोनों गलत हैं।
- वृक्क के कार्टेक्स का बिन्दुकित रूप किस कारण होता है?
(a) बेलिनी की वाहिनियाँ
(b) कुण्डलित भाग
(c) हेनले का पाश
(d) संग्रह नलिकाएँ
- वृक्क के भीतरी मध्यस्थ भाग की ओर उपस्थित खाँच को कहते हैं-
(a) मूत्रवाहिनी (यूरेटर)
(b) पेल्विस
(c) हाइलस
(d) शंकु (पिरैमिड)।
- स्तनियों के वृक्कों में बरतीनी के स्तम्भों का निर्माण किसके विस्तारण से होता है?
(a) मध्यांश में कार्टेक्स
(b) पेल्विस में कार्टेक्स
(c) पेल्विस में मध्यांश (मेडुला)
(d) पेल्विस में मूत्रवाहिनी
- बोमेन्स सम्पुट में उपस्थित केशिकाओं के गुच्छे को कहते हैं-
(a) पेसिनियन कार्पस्कल
(b) बोमेन्स रेशे
(c) केशिका गुच्छ
(d) मैल्पीजियन कार्पस्कल।
- रेनिन किसके द्वारा मुक्त किया जाता है?
(a) हेनले का पाश
(b) संग्रह वाहिनी
(c) जक्सटाग्लोमेरूलर उपकरण
(d) रीनल पेल्विस
- मानव वृक्क की मौलिक कार्यात्मक इकाई है-
(a) नेफ्रीडिया
(b) हेनले का पाश
(c) नेफ्रॉन
(d) शंकु या पिरैमिड।
- वृक्क के सभी बोमेन्स सम्पुट इनमें पाये जाते हैं-
(a) कार्टेक्स
(b) पेल्विस
(c) मध्यांश (मेडूला)
(d) इनमें से कोई नहीं।
- पोडोसाइट्स कोशिकाएँ उपस्थित होती हैं-
(a) बोमेन्स सम्पुट की बाहरी भित्ति पर
(b) बोमेन्स सम्पुट की भीतरी भित्ति पर
(c) वृक्कक की ग्रीवा पर
(d) ग्लोमेरूलर केशिकाओं की भित्ति पर।
- हेनले का सबसे लम्बा पाश पाया जाता है-
(a) कंगारू चूहों
(c) रीसेस बन्दर
(b) ओपोसम (Opposum)
(d) पोरक्यूपाइन ।
- एक वृक्क में वृक्ककों (नेफ्रान्स) की संख्या इसके बराबर होती है-
(a) बोमेन्स सम्पुट की संख्या।
(b) बोमेन्स सम्पुट और मैल्पीजियन कायों के योग
(c) बोमेन्स सम्पुटों और केशिकागुच्छों के योग
(d) बोमेन्स सम्पुटों की संख्या की दोगुनी।
- एक मैल्पीजियन काय किसके द्वारा निर्मित होता है?
(a) केवल केशिका गुच्छ
(b) केशिका गुच्छ और बोमेन्स सम्पुट
(c) केशिका गुच्छ और अपवाही वाहिका
(d) केशिका गुच्छ, बोमेन्स सम्पुट और अपवाही वाहिका
- निम्न में से कौन-सा कथन मानव वृक्क के संदर्भ से सही नहीं है?
(a) परिधीय भाग को बल्कुट (कार्टेक्स) और केन्द्रीय भाग को मध्यांश कहते हैं।
(b) मैल्पीजियन कार्पस्कल, कॉर्टीकल क्षेत्र में उपस्थित रहता है।
(c) केशिका गुच्छ में रूधिर अपवाही धमनिकाओं द्वारा प्रवेश करता है।
(d) वृक्क के अवतल भाग को हाइलस कहते हैं।
- निम्न कथनों में से कौन-सा सही है?
(a) मैल्पीजियन कार्पस्कल्स और केशिका गुच्छ, बोमेन्स सम्पुट का निर्माण करते हैं।
(b) रीनल कार्पस्कल और केशिकागुच्छ मिलकर मैल्पीजियन कार्पस्कल्स बनाते हैं।
(c) बोमेन्स कार्पस्कल्स और मैल्पीजियन नलिकाएँ, केशिकागुच्छ बनाती हैं।
(d) बोमेन्स सम्पुट और केशिकागुच्छ एक साथ मिलकर रीनल कार्पस्कल बनाते है।
मूत्र निर्माण
- पोटैशियम का उत्सर्जन प्राथमिक रूप से नियन्त्रित किया जाता है-
(a) समीपस्थ कुण्डलित नलिका में पोटैशियम का पुनः अवशोषण
(b) समीपस्थ कुण्डलित नलिकाओं में पोटैशियम का स्रावण
(c) दूरस्थ कुण्डलित नलिका में पोटैशियम का स्रावण
(d) दूरस्थ कुण्डलित नलिका में पोटैशियम का पुनः अवशोषण
- निम्न कथनों में से कौन-सा कथन सही है?
(a) हेनले पाश की अवरोही भुजा और संग्रह वाहिनी में जल का पुनः अवशोषण समान दशाओं के अन्तर्गत होता है।
(b) हेनले पाश की आरोही भुजा और संग्रह वाहिनी में सोडियम का पुनः अवशोषण समान दशाओं के अन्तर्गत होता है।
(c) हेनले पाश की अवरोही भुजा और संग्रह वाहिनी में जल का पुनः अवशोषण असमान दशाओं के अंतर्गत होता है।
(d) हेनले पाश की अवरोही भुजा में जल का पुनः अवशोषण और आरोही भुजा में सोडियम का पुनः अवशोषण समान दशाओं के अंतर्गत होता है।
- प्रति दिन वृक्कों में वृक्ककों (नेफ्रान्स) द्वारा एक बड़ी मात्रा में द्रव का निस्यंदन होता है परन्तु उसका लगभग 1% ही मूत्र के रूप में उत्सर्जित होता है। शेष 99% निस्यंद-
(a) मूत्राशय में संग्रहित रहता है
(b) रूधिर में पुनः अवशोषित हो जाता है
(c) रीनल पेल्विस में एकत्रित हो जाता है
(d) पसीने के रूप में हानि होती है।
- निम्न कथनों में से कौन सा कथन मानव वृक्कों द्वारा उत्सर्जन के सम्बन्ध में सही है?
(a) हेनले पाश की अवरोही भुजा जल के लिये अप्रवेश्य होती है।
(b) दूरस्थ कुण्डलित नलिका सोडियम आयन्स (Na+) के पुनः अवशोषण में अक्षम होती है।
(c) केशिकागुच्छीय निस्यंद का लगभग 99% रीनल नलिकाओं द्वारा पुनः अवशोषित कर लिया जाता है।
(d) हेनले पाश की आरोही भुजा विद्युत अपघट्यों (इलेक्ट्रोलाइट्स) के प्रति अप्रवेश्य होती है।
- निम्न में से कौन-सा एक सही जोड़ा मानव वृक्कक के विशिष्ट भाग के कार्य को दिखाता है? (a) पोडोसाइट्सः अतिसूक्ष्म स्थानों (स्लिट छिद्र) का सृजन करके
बोमेन्स सम्पुट में रूधिर का निस्यंदन करती हैं। (b) हेनले पाशः केशिका गुच्छीय निस्यंद से वृहद पदार्थों की अधिकांश मात्रा का पुनः अवशोषण होता है।
(c) दूरस्थ कुण्डलित नलिकाः आस पास की रूधिर केशिकाओं द्वारा पोटैशियम ऑयन्स (K+) का पुनः अवशोषण होता है।
(d) अभिवाही धमनिकाः रूधिर को केशिका गुच्छ से दूर वृक्क शिरा की ओर ले जाती है।
- केशिकागुच्छ में प्रभावी निस्यंदन दाब इस के कारण उत्पन्न होता है-
(a) हृदय की क्षमतावान पम्पिंग क्रिया
(b) एड्रीनेलिन का स्रावण
(c) अभिवाही धमनिका, अपवाही धमनिका की अपेक्षा थोड़ी बड़ी होती है।
(d) समीपस्थ कुण्डलित नलिका में निर्वात विकसित होता है और रूधिर को खींचता है।
- वृक्कक के किस भाग में सबसे अधिक विद्युत अपघट्यों व जल (70 – 80 प्रतिशत) का पुनः अवशोषण होता है?
(a) हेनले पाश की आरोही भुजा
(b) दूरस्थ कुण्डलित नलिका
(c) समीपस्थ कुण्डलित नलिका
(d) हेनले पाश की अवरोही भुजा
- केशिकागुच्छीय निस्यंदन दर (GFR) में गिरावट सक्रिय करती है-
(a) जक्स्टाग्लोमेरूलर कोशिकाओं को रेनिन मुक्त करने के लिये
(b) अधिवृक्क बल्कुट (कॉर्टेक्स) को एल्डोस्टेरॉन मुक्त करने के लिये
(c) अधिवृक्क मध्यांश (मेडूला) को एड्रीनेलिन मुक्त करने के लिये
(d) पश्च पीयूष ग्रंथि को वेसोप्रेसिन मुक्त करने के लिये।
- जक्सटाग्लोमेरूलर उपकरण किसका बना होता है?
(a) जक्सटाग्लोमेरूलर कोशिका, मेकुला डेन्सा व लेसिस कोशिका
(b) जक्सटाग्लोमेरूलर कोशिका, पुरकिन्जे कोशिका व मुख्य कोशिका
(c) जक्सटाग्लोमेरूलर कोशिका, लेसिस कोशिका व मायो- – एपीथीलियल कोशिका
(d) जक्सटाग्लोमेरूलर कोशिका, मेकुला डेन्सा व अर्जेन्टाफिन कोशिका
- निम्न विकल्पों में से किस में वृक्कक या नेफ्रान भागों का सही जोड़ा है जो कि रूधिर के pHव आयनिक संतुलन को बनाये रखता है?
(a) समीपस्थ कुण्डलित नलिका व हेनले पाश
(b) दूरस्थ कुण्डलित नलिका व संग्रह नलिका
(c) समीपस्थ कुण्डलित नलिका व केशिका गुच्छ
(d) संग्रह वाहिनी व हेनले पाश
- निम्न कथनों में से कौन-सा सही है?
(i) वृक्क शिरा, वृक्क से रूधिर को दूर ले जाती है।
(ii) हेनले का पाश जल की रक्षा करता है।
(iii) पोडोसाइट्स बोमेन्स सम्पुट की भीतरी भित्ति में पायी जाती हैं।
(iv) परानिस्यंद/नेफ्रिक निस्यंद प्रोटीन रहित प्लाज्मा है।
(a) (i) व (ii)
(b) (i) व (iii)
(c) (iii) व (iv)
(d) (i), (ii), (iii) व (iv)
- कुल वृक्ककों (नेफ्रान्स) में जक्सटामेडुलरी वृक्कक होते हैं-
(a) 15%
(c) 65%
(b) 45%
(d) 85%
- हिप्यूरिक अम्ल, क्रिएटिनिन्स और कीटोन्स इसके द्वारा मूत्र में आते हैं-
(a) चयनित पुनः अवशोषण
(b) केशिकागुच्छीय निस्यंदन
(c) नलिका स्रावण
(d) (b) व (c) दोनों।
- कुल दाब प्रवणता जो तरल की केशिकागुच्छिकाओं से बोमेन्स सम्पुट में छनने के कारण बनती है-
(a) 50 mm Hg
(b) 75 mm Hg
(c) 10 mm Hg
(d) 30 mm Hg
- निम्न में से कौन निस्यंद से हेनले पाश में पृथक किया जाता है?
(a) अमीनो अम्ल
(b) हार्मोन्स
(c) जल
(d) ग्लूकोज
- निम्न में से कौन-सा विकल्प मूत्र निर्माण में सम्पन्न होने वाली प्रक्रियाओं का सही क्रम है?
(a) स्रावण, पुनः अवशोषण, निस्यंदन
(b) निस्यंदन, पुनः अवशोषण, स्रावण
(c) पुनः अवशोषण, निस्यंदन, स्रावण
(d) पुनः अवशोषण, स्रावण, निस्यंदन
- द्रव जो बोमेन्स सम्पुट की गुहा में इक्ट्ठा होता है-
(a) सान्द्र (कन्सन्ट्रेटेड) मूत्र
(b) प्लाज्मा रहित रूधिर प्रोटीन्स व रूधिर कोशिकाएँ
(c) ग्लाइकोजन व जल
(d) सल्फेट्स व जल।
- स्तनधारी वृक्कक से हेनले पाश की अनुपस्थिति से निम्न में से किसकी सम्भावना रहेगी?
(a) मूत्र निर्माण नहीं होगा।
(b) निर्मित मूत्र की गुणवत्ता व मात्रा में मुश्किल से ही कोई परिवर्तन होगा।
(c) मूत्र अधिक सान्द्रता वाला होगा।
(d) मूत्र अधिक तनु होगा
- कशेरूकियों में सान्द्रित मूत्र (अतिपरासरी) उत्पन्न करने की क्षमता सामान्य रूप से निर्भर करती है-
(a) बोमेन्स सम्पुट उपकला के क्षेत्र (b) समीस्थ कुण्डलित नलिका की लम्बाई
(c) हेनले पाश की लम्बाई
(d) केशिकागुच्छ का निर्माण करने वाले कोशिका जाल।
- मनुष्य में मूत्र निर्माण की प्रक्रिया के संदर्भ में गलत कथन का चयन करें।
(a) केशिकागुच्छीय निस्यंदन दर लगभग 125 ml प्रति मिनट है।
(b) अतिसूक्ष्म निस्यंदन को प्लाज्मा के कोलाइडल परासरणीय दाब द्वारा बाधित किया जाता है।
(c) एल्डोस्टेरॉन सोडियम के अधिकतम पुनः अवशोषण को प्रेरित करता है।
(d) प्रति धारा तंत्र मूत्र के तनुकरण में सहयोग करता है।
वृक्क क्रियाओं का नियमन
- निम्न कथनों में से कौन-सा गलत है?
(a) ADH (एण्टीडाइयूरेटिक हार्मोन) जल निष्कासन में सहायता करता है जो मूत्र को अल्परासरी बनाता है।
(b) रुधिर प्लाज्मा से प्रोटीन रहित द्रव बोमेन संपुट में निस्यदित होता है।
(c) ग्लूकोज का समीपस्थ कुण्डलित नलिका में सक्रिय पुनः अवशोषण होता है।
(d) हेनले का पाश मूत्र के सान्द्रण में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- निम्न कथनों में कौन सा कथन वृक्क कार्य नियमन के संदर्भ में सही है?
(a) जब कोई अधिक जल पीता है, तो ADH का स्रावण रूक जाता है।
(b) निम्न तापक्रम ADH स्रावण को उत्तेजित करता है।
(c) केशिकागुच्छीय रूधिर प्रवाह में बढ़ोत्तरी एन्जियोटेन्सिन II के निर्माण को उत्तेजित करती है।
(d) ग्रीष्म काल के दौरान जब शरीर से वाष्पीकरण द्वारा अधिक जल हानि होती है, ADH का स्रावण रूक जाता है।
- केशिका गुच्छीय निस्यंद से सोडियम के पुनः अवशोषण का नियमन किस हार्मोन द्वारा होता है?
(a) ग्लूकेगॉन
(b) सीक्रेटिन
(c) एल्डोस्टेरॉन (d) एड्रीनेलिन
- एन्जियोटेन्सिनोजन एक प्रोटीन है जिसका निर्माण व स्रावण इसके द्वारा किया जाता है-
(a) जक्सटाग्लोमेरूलर (JG) कोशिकाओं
(b) मेकुला डेन्सा कोशिकाओं
(c) एण्डोथीलियल कोशिकाओं (रूधिर वाहिनियों को आस्तरित करती हैं)
(d) यकृत कोशिकाओं।
- मूत्र तंत्र में, एल्डोस्टेरॉन किसके पुनः अवशोषण में भाग लेता है?
(a) K+
(b) Na+
(c) जल
(d) (b) व (c) दोनों
- रेनिन का कार्य है-
(a) कार्पस ल्यूटियम को उत्तेजित करना
(b) वेसोडायलेशन
(c) रूधिर दाब को कम करना
(d) एन्जियोटेन्सिनोजन का एन्जियोटेन्सिन-I में परिवर्तन।
मूत्रण
- यदि मूत्राशय भित्ति को विस्तारित करने वाले ग्राहियों को पूर्ण रूप से निकाल दिया जाये तो क्या होगा?
(a) मूत्रण पर एच्छिक नियन्त्रण नहीं होगा।
(b) मूत्र सामान्य रूप से आशय में इकट्ठा होगा।
(c) मूत्रण नहीं होगा।
(d) मूत्र, मूत्र मार्ग (यूरेथ्रा) में एकत्रित होगा।
- एक व्यक्ति जो भोजन या पेय पदार्थों को नहीं लेता है, उसके मूत्र में _ होता है।
(a) थोड़ा ग्लूकोज
(b) कम यूरिया
(c) अधिक यूरिया
(d) थोड़ा वसा
- मूत्र का पीलापन किसकी उपस्थिति के कारण होता है?
(a) यूरिया
(b) यूरिक अम्ल
(c) यूरोक्रोम
(d) बिलिरुबिन
उत्सर्जन तंत्र की विकृतियाँ
- निचले उदर का एक्स-रे (X-ray) मूत्र वाहिनी के क्षेत्र में एक छाया दिखाता है जो मूत्रवाहिनी की पथरी के संदेह को व्यक्त करता है। एक सम्भावित चिकित्सा सम्बन्धी या नैदानिक लक्षण होगा-
(a) एक्यूट रीनल फेल्योर (ARF)
(b) एनुरिया व हीमेट्युरिया
(c) मोटर एफेसिया
(d) क्रोनिक रीनल फेल्योर (CRF)।
- पेरिटोनियल डायलिसिस में-
(a) शरीर में से रूधिर को निकाला जाता है और एक प्राकृतिक निस्यंदक का उपयोग किया जाता है।
(b) शरीर से रूधिर को निकाला नहीं जाता है और प्राकृतिक निस्यंदक का उपयोग किया जाता है।
(c) शरीर से रूधिर नहीं निकाला जाता है और एक कृत्रिम निस्यंदक का उपयोग किया जाता है।
(d) शरीर से रूधिर को निकाला जाता है और एक कृत्रिम निस्यंदक का उपयोग किया जाता है।
- निम्न में से कौन-सा कथन रूधिर अपोहन (हीमोडाएलिसिस) के संदर्भ में सही है?
(a) आयनों की अधिकता अवशोषित होती है और पुनः भेजी जाती है।
(b) अपोहन इकाई (डाएलिसिस यूनिट) में एक कुण्डलित सेलोफेन नलिका होती है।
(c) रूधिर अपोहन (हीमोडायलिसिस) के बाद रूधिर को एक उचित (योग्य) धमनी द्वारा वापस भेजा जाता है।
(d) नाइट्रोजनी व्यर्थ पदार्थों को सक्रिय परिवहन द्वारा निष्कासित किया जाता है।
- यदि मनुष्य के शरीर से एक वृक्क निकाल दिया जाए तो क्या होगा?
(a) विषाक्तता के कारण मृत्यु
(b) यूरेमिया व मृत्यु
(c) मूत्र त्याग में अवरोध
(d) व्यक्ति जीवित रहेगा
- डाययूरेसिस वह दशा है जिसमें-
(a) मूत्र का उत्सर्जी आयतन बढ़ जाता है
(b) मूत्र का उत्सर्जी आयतन घट जाता है
(c) वृक्क मूत्र उत्सर्जित करने में असफल हो जाते हैं
(d) शरीर में जल का संतुलन बिगड़ जाता है।
- ग्लाइकोसूरिया वह दशा है, जिसमें एक व्यक्ति-
(a) अधिक शर्करा खाता है
(b) मूत्र में शर्करा उत्सर्जित करता है
(c) शर्करा मल के साथ उत्सर्जित होती है
(d) रूधिर में शर्करा का स्तर कम होता है।
- निम्न में से सामान्य रूप से किसका उत्सर्जन मूत्र में नहीं होता है?
(a) यूरिक अम्ल
(b) हीमोग्लोबिन
(c) कीटोन काय
(d) हिप्यूरिक अम्ल
- एक व्यक्ति लम्बे समय तक उपवास में रहता है। उसके मूत्र में किसकी मात्रा असामान्य होगी?
(a) वसा
(c) ग्लूकोज
(b) अमीनो अम्ल
(d) कीटोन्स
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