Gravitation Previous Year Questions and answers

NCRT MCQ SET –

  1. पृथ्वी लगभग गोल है। यदि अंदर का पदार्थ जिसका समस्त स्थानों पर घनत्व समान नहीं होता है, तब पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण

(a) केन्द्र की ओर उन्मुख होगा, न कि सब जगह समान

(b) का मान सभी जगह समान होगा लेकिन केन्द्र की ओर उन्मुख नहीं होगा।

(c) केन्द्र की ओर उन्मुख होते हुए परिमाण में सभी जगह समान होगा।

(d) किसी भी बिंदु पर शून्य नहीं हो सकता है।

  1. जैसा कि पृथ्वी से देखा जाता है, सूर्य लगभग एक वृत्ताकार कक्षा में घूमता है। किसी अन्य ग्रह, जैसे बुध की गति के लिए वैसे ही पृथ्वी से देखा जाता है, यह होगा-

(a) समान रूप से सही

(b) सही नहीं, क्योंकि पृथ्वी एवं बुध के मध्य का बल व्युत्क्रम वर्ग नियम नहीं है।

(c) सही नहीं होगा क्योंकि बुध पर मुख्य गुरुत्वीय बल सूर्य के कारण होता है।

(d) सही नहीं होगा क्योंकि बुध गुरुत्वीय बलों के अलावा अन्य बलों से प्रभावित नहीं होता है।

  1. पृथ्वी पर विभिन्न बिंदु सूर्य से विभिन्न दूरियों पर होते हैं, अतः वहाँ गुरुत्वीय बल भिन्न-भिन्न होता है। किसी दृढ़ पिण्ड के लिए, हम जानते हैं कि यदि विभिन्न बल इसके विभिन्न स्थानों पर कार्य करते हैं, तो कुल बल (Net force) द्रव्यमान के केंद्र पर कार्यरत होने के कारण परिणामी गति ऐसी होती है जैसे कि स्थानान्तरण (Translation) उत्पन्न करती हो तथा द्रव्यमान के केन्द्र पर कुल बल आघूर्ण द्रव्यमान के केन्द्र में से अक्ष के चारों ओर घूर्णन (Rotaion) उत्पन्न करता हो। पृथ्वी सूर्य निकाय (पृथ्वी को एक एकसमान घनत्व गोला मानते हुए) के लिए-

(a) बल आघूर्ण (Torque) शून्य होता है।

(b) बल आघूर्ण के कारण पृथ्वी चक्रण करती है।

(c) दृढ़ पिण्ड परिणाम लागू नहीं होता है क्योंकि पृथ्वी लगभग एक एकसमान पिण्ड नहीं है।

(d) बल आघूर्ण के कारण पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है।

  1. पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में घूमने वाले उपग्रहों का निश्चित जीवनकाल होता है, एवं कभी-कभी उपग्रहों का मलबा पृथ्वी पर गिर जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि

(a) उपग्रह में सोलर सेल व बैटरियाँ समाप्त हो जाती हैं।

(b) गुरुत्वाकर्षण के नियम अंदर की ओर के सर्पिलाकार प्रक्षेप को दर्शाते हैं।

(c) श्यान बलों के कारण उपग्रहों की गति में परिवर्तन होता है जिसके परिणामस्वरूप ऊँचाई धीरे-धीरे कम होने लगती है।

(d) अन्य उपग्रहों के साथ टक्कर के कारण।

  1. पृथ्वी एवं चन्द्रमा दोनों पर ही सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल प्रभावी होता है। सूर्य से देखे जाने पर, चंद्रमा की कक्षा

(a) दीर्घवृत्ताकार होगी।

(b) एकदम दीर्घवृत्ताकार नहीं होगी क्योंकि इस पर कुल गुरुत्वीय बल केन्द्रीय नहीं होता है।

(c) दीर्घवृत्ताकार नहीं होती है लेकिन निश्चित रूप से एक बंद वक्र होगी।

(d) पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों के प्रभाव के कारण दीर्घवृत्तीय होने से पर्याप्त रूप से विचलित होती है।

  1. हमारे सौरमण्डल में, अंतर-ग्रहीय क्षेत्र में पदार्थों की कुछ मात्रा (ग्रहों की तुलना में काफी छोटे आकार के) बिखरी रहती है, जिन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं। ये

(a) सूर्य के चारों ओर गति नहीं करेंगे क्योंकि सूर्य की तुलना में इनका द्रव्यमान बहुत होता है।

(b) अनियमित रूप से गति करेंगे, उनके कम द्रव्यमान के कारण तथा ये बाहरी अंतरिक्ष में विस्थापित (Drift) होंगे।

(c) सूर्य के चारों ओर बंद कक्षाओं में तो घूमेंगे लेकिन केप्लर के नियमों का पालन नहीं करेंगे।

(d) कक्षाओं में ग्रहों की भांति घूमेंगे तथा केप्लर के नियमों का पालन करेंगे।

  1. गलत विकल्प को चुनिए।

(a) जड़त्वीय द्रव्यमान बाहरी बल के द्वारा किसी पिण्ड को त्वरित करने की कठिनाई की माप है जबकि गुरुत्वीय द्रव्यमान इस पर किसी बाहरी बल के द्वारा गुरुत्वीय बल के निर्धारण से सम्बन्धित है।

(b) किसी प्रायोगिक परिणाम में गुरुत्वीय द्रव्यमान तथा जड़त्वीय द्रव्यमान बराबर होते हैं।

(c) पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण, गुरुत्वीय द्रव्यमान एवं जड़त्वीय द्रव्यमान की समानता के कारण सभी पिण्डों के लिए समान होता है।

(d) किसी प्रोटॉन के समान कण का गुरुत्वीय द्रव्यमान आसपास की भारी वस्तुओं की उपस्थिति पर तो निर्भर कर सकता है लेकिन जड़त्वीय द्रव्यमान पर नहीं।

PYQ VVI MCQ SET –

  1. किसी द्रव्यमान को पृथ्वी के पृष्ठ से ऊँचाई । जो पृथ्वी की त्रिज्या के बराबर है, तक ऊपर उठाने में किया गया कार्य है:

(a) 3/2 mgr

(b) mgr

(c) 2mgr

(d) 1/2 mgr

  1. एक भूस्थैतिक उपग्रह का आवर्तकाल पृथ्वी की सतह से 6 RE (RE पृथ्वी की त्रिज्या है।) ऊँचाई पर 24 h है। सतह से 2.5 RE ऊँचाई पर एक दूसरे उपग्रह का आवर्तकाल होगा

(a) 6√2h

(b) 12√2h

(c) 24/2.5h

(d) 12 2.5 h

4. अभिकथन : केप्लर के दूसरे नियम को कोणीय संवेग के संरक्षण नियम से समझा जा सकता है।
तर्क : केप्लर का दूसरा नियम क्षेत्रफलीय वेग के साथ संबंधित है, जिसे कोणीय संवेग संरक्षण के सिद्धांत अर्थात (dA/dt) = (rw)/2 के आधार पर प्रमाणित किया जा सकता है।

(a) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं तथा तर्क, अभिकथन की सही व्याख्या करता है।
(b) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं, लेकिन तर्क, अभिकथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) अभिकथन सही है, लेकिन तर्क गलत है।
(d) अभिकथन और तर्क दोनों गलत हैं

  1. यदि एक ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से दोगुना तथा त्रिज्या (R) पृथ्वी से तीन गुना हो, तो ग्रह का पलायन वेग होगा। (v₂ = पृथ्वी का पलायन वेग)

(a) √1/2Ve

(b) √2/3 Ve

(c) √2ve

(d) इनमें से कोई नहीं

  1. दो अंतरिक्षयात्रियों का सम्पर्क अपने अंतरिक्ष यान से टूट जाता है और वे दोनों गुरुत्वाकर्षण विहीन अंतरिक्ष में तैरने लगते हैं। तो ये दोनों:

(a) तैरते हुए इनके बीच की दूरी वही बनी रहेगी।

(b) एक-दूसरे की ओर गति करेंगे।

(c) एक-दूसरे से दूर जाएँगे।

(d) अचल रहेंगे।

  1. 500 kg द्रव्यमान का एक संचार उपग्रह पृथ्वी के परितः इसके भूमध्यरेखीय तल में 4.0 x 107 m त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में पश्चिम से पूर्व की ओर परिभ्रमण करता है। उपग्रह के कोणीय संवेग का परिमाण है।

(a) ~ 0.13 x 10^14 kg m²s-1
(b) ~ 1.3 x 10^14 kg m²s-1
(c) ~ 0.58 x 10^14 kg m²s-1
(d) ~2.58×10^14 kg m²s-1

  1. एक उपग्रह पृथ्वी के परितः नियम चाल से चक्कर लगा रहा है। द्रव्यमान के एक पिण्ड को उपग्रह से इस प्रकार प्रक्षेपित किया जाता है कि यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से पलायन कर जाता है प्रक्षेपण के समय वस्तु की गतिज ऊर्जा है।

(a) 1/2 mv²

(b) 2m²

(c)3/2 mv²

(d) mv²

  1. त्रिज्या व तथा द्रव्यमान M का एक समरूप ठोस गोला, एक पतले समरूप गोलीय कोश के द्वारा घिरा है। कोश का द्रवयमान 2M है उसकी त्रिज्या 2a है तथा वह ठोस गोले के साथ संकेद्रीय है। केंद्र से 3a दूरी पर गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र होगा

(a) 2GM / 9a2

(b) GM / 9a2

(c) 2GM / 3a2

(d) GM / 3a2

13. एक कण एक आकर्षी विभव U = -k/2r² के प्रभाव में वृत्ताकार पथ 272 में घूमता है। इसकी कुल ऊर्जा है-

(a) -k/4a²

(b) k / 2a²

(c) शून्य

(d) – 3k / 2a²

  1. समान द्रव्यमान m के दो कण बल, F(r) = – 16/r – r ^ 3 के कारण वृत्ताकार पथ में घूमते हैं। पहला कण r = 1 तथा दूसरा r = 4 दूरी पर है। पहले व दूसरे कण की गतिज ऊर्जा के अनुपात के लिए सबसे उत्तम सन्निकट मान है।

(a) 6 * 10 ^ – 2

(c) 3 * 10 ^ – 3

(b) 10 ^ – 1

(d) 6 * 10 ^ 2

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