- ऊष्मागतिकी (Thermodynamics)
PYQ + vvi MCQS
- सामान्य दाब (1.013 * 10 ^ 5 * N * m ^ – 2) और 100 deg * C ताप पर 0.1 g जल के नमूने को 100 deg * C की भाप में परिवर्तित करने के लिए 54 कैलोरी ऊष्मा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यदि उत्पन्न भाप का आयतन 167.1 cc है, तो इस नमूने की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन है:
(a) 42.2)
(b) 208.7)
(c) 104.3J
(d) 84.5J
दो कार्नो इंजन A व B को संयोजित कर कार्यरत किया गया। पहला इंजन A, ऊष्मा T_{1} (= 600K ) पर ग्रहण करता है तथा ताप T_{2} पर भंडार को निष्पादित करता है। दूसरा इंजन B पहले इंजन द्वारा निष्कासित ऊष्मा ग्रहण करता है तथा T_{3} (= 400K ) पर एक ऊष्मा भंडार को निष्कासित करता है। यदि दोनों इंजनों का किया गया कार्य समान है, तो T_{2} ज्ञात कीजिए।
(a) 500 K
(b) 300 K
(c) 400 K
(d) 600 K
- अभिकथन : एक रुद्धोष्म प्रक्रम में गैस की विशिष्ट ऊष्मा शून्य तथा एक समतापीय प्रक्रम में अनंत होती है।
तर्क : किसी गैस की विशिष्ट ऊष्मा निकाय की ऊष्मा परिवर्तन के अनुक्रमानुपाती तथा ताप में परिवर्तन के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
(a) अभिकथन व तर्क दोनों सही हैं तथा तर्क अभिकथन सही व्याख्या है।
(b) अभिकथन व तर्क दोनो सही हैं परंतु तर्क अधिकथन की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन सही है परंतु तर्क गलत है।
(d) अभिकथन व तर्क दोनों गलत हैं।
- किसी एक परमाण्विक गैस का दाब P और आयतन V है। इसमें पहले समतापीय रूप से 2 आयतन तक और फिर रुद्धोष्म रूप से 16 V आयतन तक प्रसार होता है। यदि gamma = 5/3 हो, तो गैस का अन्तिम दाब होगा:
(a) 64 P
(b) 32 P
(c) P/64
(d) 16 P
- किसी एकपरमाणुक गैस के आयतन (V) में ताप (1) के साथ विचरण ग्राफ में दर्शाए अनुसार होता है। अवस्था V A से अवस्था B तक जाने की प्रक्रिया में गैस द्वारा किए गए कार्य और इसके द्वारा अवशोषित ऊष्मा का अनुपात है:
(2) 1/3
(b) 2/3
(3) 2/5
(d) 2/7
- ताप – 10 deg * C से 25 deg * C के मध्य कार्य करने के लिए एक प्रशीतक औसतन 35 W शक्ति की खपत करता है। यदि ऊर्जा की कोई हानि नहीं होती, तब यह प्रति सेकण्ड कितनी औसत ऊष्मा स्थानांतरित करेगा?
(a) 350 J/s
(b) 298 J/s
(c) 263 J/s
(d) 35 J/s
- समान धारिता के दो सिलेण्डर A व B एक दूसरे से स्टॉप कॉक से जुड़े हैं। A में मानक है। B पूर्णतः निर्वातित है। को अचानक खोल दिया ताप व दाब पर कोई आदर्श गैस भरी संपूर्ण निकाय ऊष्मारुद्ध है। स्टॉप कॉक जाता है। यह प्रक्रम है:
(a) समतापीय
(b) रूद्धोष्म
(c) समआयतनिक
(d) समदाबीय
- कोई रेफ्रिजरेटर 4 deg * C और 30 deg * C के बीच कार्य करता है। प्रशीतक किए जाने वाले स्थान का ताप नियत रखने के लिए 600 कैलोरी ऊष्मा को प्रति सेकण्ड बाहर निकालना आवश्यक होता है इसके लिए आवश्यक शक्ति है: (1 cal = 4.2 जूल लीजिए)
(a) 236.5 W
(b) 2365 W
(c) 2.365 W
(d) 23.65 W
- जिस निकाय ने 2 kcal ऊष्मा का अवशोषण किया हो और 500 J कार्य किया हो, तो उस निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन का मान होगा:
(a) 7900 J
(b) 8900 J
(c) 6400 J
(d) 5400 J
- एक इंजन 1/6 की दक्षता का है। जब इसके गर्त के तापमान को 62°C से कम कर दिया जाता है, तो इसकी दक्षता दुगुनी हो जाती है। तब स्रोत का तापमान होगाः
(a) 99°C
(b) 124°C
(c) 37°C
(d) 62°C
- एक वैज्ञानिक कहता है कि उसका इंजन 127°C स्त्रोत व 27°C सिंक के बीच कार्य करता है, यदि इंजन की दक्षता 26% है, तो यहः
(a) असंभव है।
(b) संभव है पर कम संभावना है।
(c) लगभग संभव है।
(d) आँकड़े पर्याप्त नहीं हैं।