13: ऐमीन (Amines) c12
NCERT MCQ
- निम्न में से कौन-सा 3° ऐमीन है?
(a) 1-मेथिलसाइक्लोहेक्सिल ऐमीन
(b) ट्राइएथिलऐमीन
(c) तृतीयक-ब्यूटिलऐमीन
(d) N-मेथिलऐनिलीन
- CH2=CHCH2NHCH₃ के लिए सही IUPAC नाम है-
(a) ऐलिलमेथिलऐमीन
(b) 2-ऐमीनो-4-पेन्टीन
(c) 4-ऐमीनोपेन्ट-1-ईन
(d) N-मेथिलप्रॉप-2-ईन-1-ऐमीन
- निम्न में से, जलीय माध्यम में प्रबलतम क्षार है-
(a) CH_{3}N*H_{2}
(b) NCCH2NH2
(c) (C*H_{3}) 2 NH
(d) C_{6}*H_{5} NHCH 3
- बेंजिलऐमीन निम्न समीकरण में दर्शाए गए अनुसार ऐल्किलीकृत हो सकता है: C_{6}H_{5}CH_{2}N*H_{2} + R -X longrightarrow C 6 H 5 CH 2 NHR निम्न mकौन-सा ऐल्किल हैलाइड S_{N} 1 क्रियाविधि से इस अभिक्रिया के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है?
(a) CH_{3}Br
(b) C_{6}H_{5}Br
(c) C_{6}H_{5}CH_{2}Br
(d) C_{2}H_{5}Br
- निम्न में से कौन-सा अभिकर्मक एक ऐरिल नाइट्रो यौगिक से एक ऐमीन में अपचायक के लिए अच्छा विकल्प नहीं होना चाहिए?
(a) H 2(apifi + 4) /Pt
(b) ईथर में LiAlH4
(c) Fe एवं HCl
(d) Sn एवं HCl
- कार्बन श्रृंखला में एक C*H_{2} समूह के युगपत् योग के साथ ऐल्किल हैलाइड से 1° ऐमीन को बनाने के लिए, नाइट्रोजन के स्रोत के रूप में प्रयुक्त किया जाने वाला अभिकर्मक है-
(a) सोडियम ऐमाइड, NaNH2
(b) सोडियम ऐज़ाइड, NaN3
(c) पोटैशियम सायनाइड, KCN
(d) पोटैशियम थैलिमाइड, C 6 H 4 (CO) 2 N^ – K^ +
- ऐमीनों के ग्रैब्रिएल संश्लेषण में नाइट्रोजन का स्रोत है-
(a) सोडियम एज़ाइड, NaN3
(b) सोडियम नाइट्राइट, NaNO2
(c) पोटैशिम सायनाइड, KCN
(d) पोटैशियम थैलिमाइड, C 6 H 4 (CO) 2 N^ – K^
- अभिकारकों के दिये गये समूह में से, 2 deg ऐमीन बनाने के लिए प्राथमि सर्वाधिक उचित है-
(a) 2 deg * R – Br + N*H_{3}
(b) 2° R-Br + NaCN के पश्चात H_{2} / P * t
(c) 1° R-NH2 + RCHO के पश्चात H_{2} / P * t
(d) 1°R-Br (2 मोल) + पोटैशियम थैलिमाइड के पश्चात H_{3} O^ + ताप
- 2-फेनिलप्रोपेनामाइड को 2-फेनिलप्रोपेनऐमीन में परिवर्तित करने के लिए सबसे सर्वोत्तम अभिकर्मक है-
(a) आधिक्य में H_{2}
(b) जलीय NaOH में B*r_{2}
(c) लाल फॉस्फोरस की उपस्थिति में आयोडीन
(d) ईथर में LiAlH4
- 2-फेनिलप्रोपेनामाइड को 1-फेनिलएथेनऐमीन में परिवर्तित करने के लिए सबसे सर्वोत्तम अभिकर्मक है-
(a) आधिक्य में H_{2} / P * t
(b) NaOH/Br2
(c) NaBH₁/मेथेनॉल
(d) ईथर में LiAlH4
- हॉफमैन ब्रोमामाइड निम्नीकरण अभिक्रिया किसके द्वारा प्रदर्शित की जाती है?
(a) ArNH2
(b) ArCONH2
(c) ArNO2
(d) ArCH2NH2
- मेथिलऐमीन HNO₂ से क्रिया करके बनाता है-
(a) C*H_{3} – O – N = O
(b) CH_{3} – O – CH_{3}
(c) CH_{3}OH
(d) CH_{3}CHO
- जब मेथिलऐमीन नाइट्रस अम्ल से क्रिया करता है तो गैस निकलती है-
(a) N*H_{3}
(b) N_{2}
(c) H_{2}
(d) C_{2}*H_{6}
- सान्द्र H_{2}SO_{4} और सान्द्र HNO3 के मिश्रण द्वारा बेन्जीन की नाइट्रोकरण अभिक्रिया में बनने वाली स्पीशीज जो अभिक्रिया को प्रारंभ करती है वह है।
(a) N*O_{2}
(b) N O^ +
(c) N O 2 ^ +
(d) N O 2 ^ –
- Fe एवं HCI का प्रयोग करके ऐरोमैटिक नाइट्रो यौगिकों का अपचयन देता है-
(a) ऐरोमैटिक ऑक्सिम
(b) ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन
(c) ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन
(d) ऐरोमैटिक ऐमाइड
- प्राथमिक ऐमीनों के साथ अभिक्रिया पर अम्ल ऐनहाइड्राइड देते है-
(a) ऐमाइड
(b) इमाइड
(c) द्वितीयक ऐमीन
(d) इमीन
- श्रृंखला में कार्बन परमाणुओं की संख्या परिवर्तित किये बिना ऐल्किल हैलाइड में प्राथमिक ऐमीनों को बनाने के लिए सबसे सर्वोत्तम विधि है-
(a) हॉफमैन ब्रोमामाइड अभिक्रिया
(b) ग्रैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण
(c) सैंडमेयर अभिक्रिया
(d) NH3 के साथ अभिक्रिया
- निम्न में से कौन-सा यौगिक बेंजीन डाइऐज़ोनियम क्लोराइड के साथ ऐज़ो युग्मन अभिक्रिया को सम्पन्न नहीं करेगा?
(a) ऐनिलीन
(b) फ़ीनॉल
(c) ऐनिसॉल
(d) नाइट्रोबेंजीन
- निम्न स्पीशीज़ की क्षारीय तीव्रता का सही घटता हुआ क्रम है- H_{2}O NH_{3} OH, N H 2 ^ –
(a) NH 2 ^ – >OH^ – > NH_{3} > H_{2}O
(b) OH^ – >NH 2 ^ – > H_{2}O > NH_{3}
(c) NH_{3} > H_{2}O >NH 2 ^ – >OH^ –
(d) H_{2}O > NH_{3} >OH^ – >NH 2 ^ –
- ऐमीनों को बनाने की निम्न में कौन-सी विधि अभिकारक के रूप में ऐमीनों की श्रृंखला में कार्बन परमाणुओं की समान संख्या नहीं देगी?
(a) LiAlH₁ के साथ नाइट्राइट की अभिक्रिया
(b) जल के साथ उपचार द्वारा अनुसरित LiAlH₁ के साथ ऐमाइड की अभिक्रिया
(c) जल-अपघटन द्वारा अनुसरित थैलिमाइड के पोटैशियम लवण के साथ ऐल्किल हैलाइड को गर्म करके
(d) सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन में ब्रोमीन के साथ ऐमाइड का उपचार
PYQ VVI MCQ
- ऐसीटऐमाइड का मेथिल ऐमीन में रूपांतरण के लिए निम्न में से कौन-सी अभिक्रिया उचित हैं?
(a) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया
(b) हॉफमैन हाइपोब्रोमामाइड अभिक्रिया
(c) स्टीफेन अभिक्रिया
(d) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण
- जलीय विलयन में मेथिल प्रतिस्थापित ऐमीनों के क्षारीय प्रबलता का सही क्रम होगा-
(a) CH3NH2> (CH3)2NH (CH3)3N
(b) (CH3)2NH > CH3NH2 > (CH3)3N
(c) (CH3)3N > CH3NH2> (CH3)2NH
(d) (CH3)3N > (CH3)2NH > CH3NH2
- ऐल्डिहाइड एवं प्राथमिक ऐमीन की अभिक्रिया से बना उत्पाद हैं-
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐरोमेटिक अम्ल
(c) शिफ् बेस
(d) कीटोन
- ऐनिलीन का नाइट्रीकरण प्रबल अम्लीय माध्यम में करने पर m-नाइट्रोऐनिलीन भी बनाता है, क्योंकि
(a) प्रतिस्थापक की अनुपस्थिति में नाइट्रो समूह हमेशा m-स्थिति पर जाता है।
(b) इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया में ऐमीनो समूह m-निर्देशकारी है।
(c) प्रतिस्थापक की उपस्थिति के बावजूद नाइट्रो समूह हमेशा केवल m-स्थिति पर ही जाता है।
(d) अम्लीय (प्रबल) माध्यम में ऐनिलीन ऐनिलीनियम आयन के रूप में होती है।
- अणु-सूत्र C3H,N से बनने वाले संभावित संरचनात्मक समावयवों की संख्या है-
(a) 4
(b) 5
(c) 2
(d) 3