12 परमाणु (Atoms) MCQ
NCERT –
1 बोर त्रिज्या ao = 53 pm लेकर बोर मॉडल के आधार पर Li++ आयन की अपनी मूल अवस्था में त्रिज्या लगभग होगी-
(a) 53 pm
(b) 27 pm
(c) 18 pm
(d) 13 pm
3 सरल बोर मॉडल को अनेक इलेक्ट्रॉनों वाले किसी परमाणु के ऊर्जा स्तरों की गणना करने के लिए लागू नहीं किया जा सकता है, इसका कारण है-
(a) इलेक्ट्रॉनों को केन्द्रीय बल हेतु लागू नहीं किया जा सकता है
(b) इलेक्ट्रॉनों का एक-दूसरे से टकराना
(c) परिरक्षण प्रभाव
(d) नाभिक एवं इलेक्ट्रॉन के बीच लगने वाले बल का निरूपण कूलॉम के नियम के द्वारा नहीं किया जाता है।
4 मूल अवस्था के लिए, सरल बोर मॉडल के अनुसार, H-परमाणु में इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग = h होता है। कोणीय संवेग एक सदिश है तथा इसलिए सभी संभव दिशाओं में निर्दिष्ट करते हुए सदिश के साथ अनेक अपरिमित कक्षाएँ होंगी। वास्तव में, यह सत्य नहीं है,
(a) क्योंकि बोर मॉडल, कोणीय संवेग का गलत मान देता है।
(b) क्योंकि उनमें से केवल एक की ऊर्जा न्यूनतम होगी।
(c) क्योंकि कोणीय संवेग, इलेक्ट्रॉन के चक्रण की दिशा में होना चाहिए।
(d) क्योंकि इलेक्ट्रॉन केवल क्षैतिज कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
- O₂ अणु में दो ऑक्सीजन परमाणु होते हैं। अणु में दोनों परमाणुओं के नाभिकों के बीच नाभिकीय बल
(a) महत्त्वपूर्ण नहीं होता है क्योंकि नाभिकीय बल कम पशस के होते हैं।
(b) उतने ही महत्वपूर्ण होते है जितने दोनों परमाणुओं के बन्धन के लिए स्थिरवैद्युत बल।
(c) नाभिकों के बीच प्रतिकर्षित स्थिरवैद्युत बल को निरस्त करते हैं।
(d) महत्त्वूपर्ण नहीं होते हैं क्योंकि ऑक्सीजन नाभिक में न्यूट्रॉनों एवं प्रोटॉनों की संख्या बराबर होती है।
- मूल अवस्था में दो H-परमाणु अप्रत्यास्थ रूप से टकराते हैं। वह अधि कतम मान जिसके द्वारा उनकी संयोजित गतिज ऊर्जा कम होती है, होगी-
(a)10.2 eV
(b) 20.4 eV
(c)13.6 eV
(d) 27.2 eV
- उत्तेजित अवस्था में परमाणुओं का समूह क्षय होता है-
(a) सामान्यतः से निम्न ऊर्जा वाली किसी भी अवस्था में
(b) केवल निम्न अवस्था में जब उसे बाहरी विद्युत क्षेत्र के द्वारा उत्तेजित किया जाता हो
(c) सभी का एक साथ निम्न अवस्था में
(d) केवल फोटॉनों को उत्सर्जित करने के लिए जब वे संघट्ट करते हों।
PYQ VVI MCQs
- किसी हाइड्रोजन परमाणु में जब एक इलेक्ट्रॉन तृतीय कक्षा से द्वितीय कक्षा में संक्रमण करता है, तो तरंगदैर्ध्य १ का फोटॉन उत्सर्जित होता है। यदि इलेक्ट्रॉन चतुर्थ कक्षा से तृतीय कक्षा में संक्रमण करे, तो फोटॉन की संगत तरंगदैर्ध्य होगी:
(a) 20/7 * lambda
(b) 20/13 * lambda
(c) 16/25 * lambda
(d) 9/16 * lambda
- रिड्बर्ग नियतांक का मान 10 ^ 7 * m ^ – 1 की बामर श्रेणी की अंतिम दिया गया है, हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम रेखा की तरंग होगी:
(a) 0.25 * 10 ^ 7 * m ^ – 1
(b) 2.5 * 10 ^ 7 * m ^ – 1
(c) 0.025 * 10 ^ 4 * m ^ – 1
(d) 0.5 * 10 ^ 7 * m ^ – 1
- किसी अचल हाइड्रोजन परमाणु का एक इलेक्ट्रॉन पाँचवें ऊर्जास्तर से न्यूनतम अवस्था स्तर को गमन करता है, तो फोटॉन उत्सर्जन के परिणामस्वरूप परमाणु द्वारा प्राप्त वेग होगाः
(a) (24hR)/(25m)
(b) (25hR)/(24m)
(c) (25m)/(24hR)
(d) (24m)/(25hR)
- हाइड्रोजन परमाणु की लाइमन श्रेणी की प्रथम रेखा की तरंगदैर्घ्य, किसी हाइड्रोजन के समान आयन की बामर श्रेणी की द्वितीय रेखा के बराबर है, तब हाइड्रोजन के समान आयन की परमाणु संख्या 2 होगीः
(a) 3
(b) 4
(c) 1
(d) 2
- मूल अवस्था में हाइड्रोजन परमाणु की ऊर्जा -13.6 eV है। तब हीलियम आयन की ऊर्जा प्रथम उत्तेजन अवस्था में होगीः
(a) -13.6 eV
(b) -27.2 eV
(c) -54.4 eV
(d) -6.8 eV
- 1/2 * mu ^ 2 ऊर्जा का एक a नाभिक, Ze आवेश वाले भारी नाभिकीय लक्ष्य से टकराता है। तब व नाभिक के लिए निकटतम दूरी अनुक्रमानुपाती होगी:
(a) 1/(Ze)
(b) u ^ 2
(c) 1/m
(d) NEET) 1/(u ^ 4)
- रदरफोर्ड के प्रकीर्णन प्रयोग में जब आवेश z_{1} और द्रव्यमान M_{1} का प्रक्षेप्य, आवेश z_{2} और द्रव्यमान M_{2} के लक्ष्य केन्द्रक तक पहुँचता है, तो निकटतम पहुँच की दूरी r_{0} है। प्रक्षेप्य की ऊर्जाः
(a) द्रव्यमान M_{1} की समानुपाती होती है।
(b) M_{1}*M_{2} की समानुपाती होती है।
(c) z_{1}*z_{2} की समानुपाती होती है।
(d) z_{1} की प्रतिलोम अनुपाती होती है।
- एक परमाणु विशेष के ऊर्जा स्तर A, B और C ऊर्जा के बढ़ते हुए मानों में है। इस प्रकार से हैं कि (E_{A} < E_{B} < E_{C}) । यदि Cसे B, B से A और C से A ऊर्जा स्तर में संक्रमण होता हो, तो सम्बद्ध उत्सर्जित विकिरणों के क्रमानुसार तरंगदैर्यों lambda_{1} lambda_{2} और lambda_{3} में सम्बन्ध होगाः
(a) lambda_{3} = lambda_{1} + lambda_{2}
(b) lambda_{1} + lambda_{2} + lambda_{3} = 0
(c) lambda_{3} ^ 2 = lambda_{1} ^ 2 + lambda_{2} ^ 2
(d) lambda_{3} = (lambda_{1}*lambda_{2})/(lambda_{1} + lambda_{2})
- हाइड्रोजन की n वीं कक्षा की ऊर्जा E_{n} है, तो एकधा आयनित हीलियम परमाणु की n वीं कक्षा में ऊर्जा होगी:
(a) 4E_{n}
(b) E_{n} / 4
(c) 2E_{n}
(d) E_{n} / 2
- निम्नतम ऊर्जा स्थिति में हाइड्रोजन परमाणु को 975Å तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश से उत्तेजित किया जाता है, तो परिणामी स्पेक्ट्रम में स्पेक्ट्रमी रेखाओं की संख्या होगी:
(a) 3
(b) 2
(c) 6
(d) 10