Dual Nature of Radiation and Matter MCQ

11. विकिरण तथा द्रव्य की द्वैत प्रकृति (Dual Nature of Radiation and Matter) NCERT MCQS

  1. एक कण को H ऊँचाई से गिराया जाता है। ऊँचाई के फलन के रूप में कण की दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य किसके समानुपाती होती है?

(a) H

(c) H ^ 0

(b) H ^ (1/2)

(d) H ^ (- 1/2)

  1. किसी नाभिक से एक प्रोटॉन जो नाभिक से 1 MeV ऊर्जा से जुड़ा (Bound) होता है, को हटाने के लिए आवश्यक फोटॉन की तरंगदैर्ध्य-

(a) 1.2 nm

(c) 1.2 * 10 ^ – 6 * nm

(b) 1.2 * 10 ^ – 3 * nm

(d) 1.2 * 10 ^ 1 * nm

  1. माना किसी निर्वातित कक्ष में स्थित धातु की सतह पर इलेक्ट्रॉनों के पुंज (प्रत्येक इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा E_{0} ) आपतित होता है, तब (a) कोई इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित नहीं होंगे क्योंकि केवल फोटॉन ही इलेक्ट्रॉनों को उत्सर्जित कर सकते हैं।

(b) इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित हो सकते हैं किन्तु सभी E_{0} ऊर्जा वाले।

(c) इलेक्ट्रॉन अधिकतम E_{0} – Phi कार्य-फलन है) वाली किसी भी ऊर्जा के साथ उत्सर्जित हो सकते हैं।

(d) इलेक्ट्रॉन अधिकतम E_{0} वाली किसी भी ऊर्जा के साथ उत्सर्जित हो सकते हैं।

  1. एक प्रोट्रॉन, एक न्यूट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन एवं एक a-कण की ऊर्जा समान हैं। उनकी दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्यों की तुलना इस प्रकार होगी-

(α) lambda_{p} = lambda_{n} > lambda_{e} > lambda_{alpha}

(b) lambda_{alpha} < lambda_{p} = lambda_{n} < lambda_{e}

(c) lambda_{e} < lambda_{p} = lambda_{n} > lambda_{a}

(d) lambda_{e} = lambda_{p} = lambda_{n} = lambda_{alpha}

  1. एक इलेक्ट्रॉन प्रांरभिक वेग vec v =v 0 hat i से गति कर रहा है तथा चुम्बकीय क्षेत्र vec B =B 0 hat j में है, तो इसकी दे ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य

(a) नियत रहती है।

(b) समय के साथ बढ़ जाती है।

(c) समय के साथ कम हो जाती है।

(d) आवर्ती रूप से बढ़ती तथा घटती है।

PYQ VVI MCQS

  1. देहली आवृत्ति की 1.5 गुनी आवृत्ति का प्रकाश, प्रकाश सुग्राही पदार्थ पर आपतन करता है। यदि प्रकाश की आवृत्ति आधी तथा उसकी तीव्रता दो गुनी कर दी जाए, तो प्रकाश विद्युत धारा कितनी होगी?

(a) चार गुनी

(c) शून्य

(b) एक चौथाई

(d) दो गुनी

  1. किसी प्रकाशविद्युत सेल के कैथोड (ऋणाग्र) C पर 5 eV ऊर्जा के फोटॉन आपतित होते हैं। उत्सर्जित प्रकाशित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम ऊर्जा 2 eV है। 6 eV ऊर्जा के फोटॉनों के कैथोड C पर आपतित होने पर कोई भी प्रकाशिक इलेक्ट्रॉन ऐनोड (धनाग्र) A तक नहीं पहुँचेगा, यदि C के सापेक्ष A का निरोधी विभव होः

(a) – 1 V

(c) +3 V

(b) -3 V

(d) +4 V

  1. किसी धातु का कार्य फलन 2.28 eV है। इस पर 500 nm तरंगदैर्ध्य का प्रकाश आपतित होता है, तो उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की दे-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य होगी:

(a) < 2.8 * 10 ^ – 9 * m

(b) >= 2.8 * 10 ^ – 9 * m

(c) <= 2.8 * 10 ^ – 12 * m

(d) < 2.8 * 10 ^ – 10 * m

  1. 200 W का एक सोडियम बल्ब 0.6mu*m तरंगदैर्ध्य का पीला प्रकाश उत्सर्जित करता है। यह मानते हुए कि विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में परिवर्तित करने में बल्ब की दक्षता 25% है, तो प्रति सेकण्ड उत्सर्जित पीले रंग के प्रकाश के फोटॉनों की संख्या होगी:

(a) 1.5 * 10 ^ 20

(b) 6 * 10 ^ 18

(c) 62 * 10 ^ 20

(d) 3 * 10 ^ 19

  1. हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन उत्तेजित अवस्था (n = 3) से निम्नतम (आद्य) अवस्था (n = 1) में छलांग लगाते हैं तथा इससे उत्सर्जित फोटॉन एक प्रकाश सुग्राही पदार्थ पर पड़ते हैं। यदि इस पदार्थ का कार्य फलन 5.1 eV हो, तो निरोधी विभव होगाः (nवीं स्तर में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा E_{n} = – 13.6/(n ^ 2) * eV )

(a) 12.1 V

(b) 17.2 V

(c) 7 V

(d) 5.1 V

  1. 5 W का एक स्त्रोत 5000 Å तरंगदैर्ध्य के एकवर्णी प्रकाश का उत्सर्जन करता है। 0.5 m की दूरी पर रखने से यह एक प्रकाश सक्रीय धात्वीय तल से प्रकाशी इलेक्ट्रॉन मुक्त करता है। जब स्त्रोत को तल से 1.0 m की दूरी पर ले जाया जायेगा, तब मुक्त होने वाले प्रकाशीय इलेक्ट्रॉनों की संख्याः

(a) 2 के गुणक से कम हो जायेगी।

(b) 4 के गुणक से कम हो जायेगी।

(c) 8 के गुणक से कम हो जायेगी।

(d) 16 के गुणक से कम हो जायेगी।

  1. फोटो-सेल में प्रकाश-विद्युत प्रभाव बदलता है:

(a) प्रकाश की आवृत्ति में बदलाव को विद्युत वोल्टता में बदलाव

(b) प्रदीपन की तीव्रता में बदलाव को प्रकाश-विद्युत धारा में बदलाव

(c) प्रदीपन की तीव्रता में बदलाव को फोटो कैथोड के कार्य फलन में बदलाव

(d) प्रकाश की आवृत्ति में बदलाव को विद्युत धारा में बदलाव

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top