- वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र (Electric Charges and Fields)
NCERT MCQS
- कोई बिन्दु आवेश + q किसी विलगित चालक समतल से दूरी पर स्थित है। समतल के दूसरी ओर पर बिन्दु P पर क्षेत्र है-
(a) समतल के लम्बवत् तथा समतल से दूर
(b) समतल के लम्बवत् किन्तु समतल की ओर
(c) बिन्दु आवेश से अरीय रूप से दूर
(d) अरीय रूप से बिन्दु आवेश की ओर
- अर्धगोला धनात्मक रूप से एकसमान आवेशित है। केन्द्र से दूर व्यास पर किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र होता है-
(a) व्यास के लम्बवत्
(b) व्यास के समानान्तर
(c) व्यास की ओर झुके हुए कोण पर
(d) व्यास से दूर झुके हुए कोण पर
PYQ VVI MCQS
- किसी उभयनिष्ठ बिन्दु से, । लम्बाई की दो द्रव्यमानहीन डोरियों से निलंबित, दो सर्वसम आवेशित गोले, अन्योन्य प्रतिकर्षण के कारण, आरम्भ में एक-दूसरे से d ( d <<l) दूरी पर हैं। दोनों ही गोलों से एक नियत दर से आवेशों का क्षरण आरम्भ होता है, और इसके परिणामस्वरूप गोले एक दूसरे की ओर वेग से आते हैं। तब गोलों के बीच की दूरी का, x के फलन के रूप में, वेग का विचरण किस रूप में होता है? ( propto = ~ = समनुपति)
(a) v propto x ^ (- 1/2)
(b) v propto x ^ – 1
(c) v propto x ^ (1/2)
(d) ν propto χ
- दो बिन्दु आवेश A और B जिन पर क्रमशः + Q और -Q आवेश हैं, एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं और इनके बीच लगने वाला बल F है। यदि A का 25% आवेश B को स्थानान्तरित कर दिया जाए, तो आवेशों के बीच बल हो जाएगाः
(a) (4F)/3
(b) F
(c) (9F)/16
(d) (16F)/9
- कोई इलेक्ट्रॉन विरामावस्था से किसी एकसमान तथा ऊपर को ऊर्ध्वाधर दिशा में विद्युत-क्षेत्र E में कोई दी गई ऊर्ध्वाधर दूरी, h, से गिरता है। अब विद्युत्-क्षेत्र का परिमाण अपरिवर्तित रखते हुए इसकी दिशा उत्क्रमित कर दी जाती है। किसी प्रोटॉन को विरामावस्था से इतनी ही ऊर्ध्वाधर दूरी h तक इसमें गिरने दिया जाता है। प्रोटॉन के गिरने में लिए गए समय की तुलना में इलेक्ट्रॉन द्वारा गिरने में लिया गया समय है:
(a) 10 गुना अधिक
(b) 5 गुना अधिक
(c) कम
(d) समान
- एक निश्चित आवेश Q का दो भागों १ व (Q-q) में विभाजित किया गया। आवेशों Qव १ को किस प्रकार विभाजित करना चाहिए कि कुछ दूरी पर रखने पर आवेश १ व (Q-q) अधिकतम वैद्युत प्रतिकर्षण अनुभव करें?
(a) Q=2q
(b) Q= q/2
(c) Q=4q
(d) Q=3q
- 10 cm त्रिज्या के एक गोलोकार सुचालक पर 3.2 × 10-7C आवेश एकसमान रूप से वितरित है। गोले के केंद्र से 15 cm दूर एक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र क्या होगा?
(1/(4pi*epsilon_{0}) = 9 * 10 ^ 9 * N * m ^ 2 / (C ^ 2))
(a) 1.28 * 10 ^ 4 * N / C
(c) 1.28 * 10 ^ 6 * N / C
(b) 1.28 * 10 ^ 5 * N / C
(d) 1.28 * 10 ^ 7 * N / C
- एक विद्युत द्विध्रुव को 2 * 10 ^ 5 * N / C तीव्रता के विद्युत क्षेत्र से 30 deg कोण पर रखने से उस पर 4 Nm का बल आघूर्ण लगता है। यदि द्विध्रुव की लम्बाई 2cm हो, तो उस पर आवेश होगाः
(a) 5 mC
(b) 7mu*C
(c) 8 mC
(d) 2 mC
- अभिकथनः असमान विद्युत क्षेत्र में एक आवेशित कण का त्वरण आवेशित कण के वेग पर निर्भर नहीं करता। तर्कः आवेश एक अचर राशि है। इसका तात्पर्य है कि कण पर आवेश की मात्रा निर्देश तंत्र पर निर्भर नहीं करती है।
(a) अभिकथन व तर्क दोनों सत्य हैं तथा तर्क अभिकथन की सही व्याख्या करता है।
(b) अभिकथन व तर्क दोनों सत्य हैं तथा तर्क अभिकथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) अभिकथन सही है परंतु तर्क गलत है।
(d) अभिकथन व तर्क दोनों गलत हैं।