- स्थिरवैद्युत विभव तथा धारिता (Electrostatic Potential and Capacitance)
NCERT MCQ
- एक धनात्मक आवेशित कण किसी विद्युत क्षेत्र में विरामावस्था से मुक्त होता है। आवेश की विद्युत स्थितिज ऊर्जा-
(a) नियत रहती है क्योंकि विद्युत क्षेत्र एकसमान है।
(b) बढ़ जाती है क्योंकि आवेश विद्युत क्षेत्र के अनुदिश गति करता है।
(c) कम हो जाती है क्योंकि आवेश विद्युत क्षेत्र के अनुदिश गति करता है।
(d) कम हो जाती है क्योंकि आवेश विद्युत क्षेत्र के विपरीत गति करता है।
- किसी आवेशित चालक गोले के पृष्ठ पर स्थिरवैद्युत विभव 100 V है। इस संदर्भ में दो कथन बने हैं,
S_{1} = गोले के अंदर किसी भी बिन्दु पर, विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है।
S_{2} = गोले के अन्दर किसी भी बिन्दु पर, स्थिरवैद्युत विभव 100 V है।
निम्न में कौन-सा कथन सही है?
(a) S_{1} सही है किन्तु S_{2} गलत है।
(b) S_{1} एवं S_{2} दोनों गलत हैं।
(c) S_{1} सही है, S_{2} भी सही है तथा S_{1} S_{2} का कारण है।
(d) S_{1} सही है, S_{2} भी सही है किन्तु दोनों कथन एक दूसरे से स्वतंत्र हैं।
- उन आवेशों के संग्रहण (Collection) से अधिक दूरी पर समविभव जिनका कुल योग शून्य नहीं होता है, लगभग होंगे-
(a) गोलाकार
(c) परवलयाकार
(b) समतल
(d) दीर्घवृत्ताकार
PYQ VVI MCQS
- एक समान्तर प्लेट संधारित्र के प्लेटों के बीच एकसमान विद्युत क्षेत्र vec E है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी व तथा प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल A हो तो संधारित्र में एकत्रित ऊर्जा है: ( epsilon_{0} = निर्वात की विद्युतशीलता)
(a) epsilon_{0}*EAd
(b) 1/2 * epsilon_{0} * E ^ 2 * Ad
(c) (E ^ 2 * Ad)/epsilon_{0}
(d) 1/2 * epsilon_{0} * E ^ 2
- आवेश Q के किसी वियुक्त समान्तर पट्टिका संधारित्र C की
क्षेत्रफल A वाली धातु की पट्टिकाओं के बीच स्थिर-वैद्युत बलः (a) पट्टिकाओं के बीच की दूरी के वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती होता है।
(b) पट्टिकाओं के बीच की दूरी के रैखिकतः अनुक्रमानुपाती होता है।
(c) पट्टिकाओं के बीच की दूरी पर निर्भर नहीं करता।
(d) पट्टिकाओं के बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- एक समान्तर प्लेट वायु संधारित्र की दो पट्टिकाओं के बीच की दूरी ‘d’ तथा इनके बीच विभवान्तर ‘V’ है। यदि इस संधारित्र की धारिता ‘C’ है, तो इसकी पट्टिकाओं के बीच आकर्षण बल होगा:
(a) (C * V ^ 2)/(2d)
(b) (C * V ^ 2)/d
(c) (C ^ 2 * V ^ 2)/(2d ^ 2)
(d) (C ^ 2 * V ^ 2)/(2d)
- किसी वर्ग के चार कोनों पर बिन्दु आवेश Q, q, 29 तथा 2Q क्रमशः रखे गए हैं। Q तथा १ के बीच क्या संबंध होना चाहिए, ताकि वर्ग के केन्द्र पर विभव शून्य हो जाए?
(a) Q = – q
(b) Q = – 1/q
(c) Q = q
(d) Q = 1/q
- अन्तरिक्ष में किसी बिन्दु (x, y, z सभी मीटर में) पर विद्युत विभव V = 4x ^ 2 वोल्ट द्वारा दिया जाता है। बिन्दु (1,0, 2) पर विद्युत क्षेत्रवोल्ट/मीटर में है:
(a) 8 ऋणात्मक X-अक्ष के अनुदिश
(b) 8 धनात्मक X-अक्ष के अनुदिश
(c) 16 ऋणात्मक X-अक्ष के अनुदिश
(d) 16 धनात्मक X-अक्ष के अनुदिश
- तीन समकेन्द्री गोलों की त्रिज्याएँ a, b और ८ (जबकि a < b < c ) हैं और इनके पृष्ठीय आवेश घनत्व क्रमानुसार ०, – ० और न हैं। यदि V_{A} V_{B} तथा V_{C} इन तीन गोलों के विभवों को निर्दिष्ट करते हैं, तो c = a + b होने परः ne = not equil
(a) V_{C} = V_{B} = V_{A} होगा।
(b) V_{C} =V A ne V B होगा।
(c) V_{C} =V B ne V A होगा।
(d) V C ne V B ne V A होगा।