- तरलों के यांत्रिक गुण (Mechanical Properties of Fluids)
NCRT MCQ
- धारारेखीय के अनुदिश
(a) किसी तरल कण का वेग नियत रहता है
(b) दी गई स्थिति से गुजरने वाले सभी तरल कणों का वेग नियत रहता है।
(c) दिये गये क्षण पर सभी तरल कणों का वेग नियत रहता है।
(d) तरल कण की चाल नियत रहती है।
- कोई आदर्श तरल 2.5 सेमी एवं 3.75 सेमी व्यासों वाले दो भागों के बने वृत्तीय अनुप्रस्थ परिच्छेद की नली में बहता है। दोनों नलियों में वेगों का अनुपात होगा-
(a) 9:4
(b) 3:2
(c) √3:√2
(d) √2:√3
- जल-काँच के अन्तरपृष्ठ पर स्पर्श कोण 0° है, एथिलऐल्कोहॉल काँच पर स्पर्श कोण 0° है, पारा-काँच पर स्पर्श कोण 140° है एवं मेथिलआयोडाइड-काँच पर स्पर्श कोण 30° है। एक काँच की केशनली को इन चारों द्रवों में से किसी एक द्रव से भरी एक द्रोणिका में रखा जाता है। ऐसा प्रेक्षित होता है कि अर्धचन्द्राकार भाग उत्तल है। तब द्रोणिका में तरल है-
(a) जल
(b) ऐथिलएल्कोहॉल
(c) पारा
(d) मेथिलआयोडाइड
PYQ + VVI MCQ
- एक वस्तु जब जल में तैरती है, इसके आयतन का 10% बाहर रहता है तथा तेल में आयतन का 30% बाहर रहता है। तेल का आपेक्षिक भार है।
(a) 1.3
(b) 0.33
(c) 2
(d) 7
- अभिकथन : अंदर जमे हुए एक पत्थर के साथ, बर्फ का एक टुकड़ा बीकर में रखे पानी में तैरता है। जब बर्फ पिघलती है, जल का स्तर बीकर में घट जाता है।
तर्क : पत्थर का घनत्व जल से अधिक है।
(a) दोनों अभिकथन व तर्क सही हैं तथा तर्क अभिकथन की सही व्याख्या है।
(b) दोनों अभिकथन व तर्क सही है परंतु तर्क अभिकथन की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन सही है परंतु तर्क गलत है।
(d) दोनों अभिकथन तथा तर्क गलत हैं।
- एक बर्फ का गुटखा द्रव्य में तैरता है, जिसका घनत्व जल से कम है। गुटखे का भाग द्रव्य से बाहर है। जब सारी बर्फ पिघल जाती है, जल का स्तर
(a) बढ़ जाएगा
(b) घट जाएगा
(c) अपरिवर्तित रहेगा
(d) पहले बढ़ेगा फिर घटेगा
- 2m ऊँचाई के पूर्ण रूप से जल से भरे किसी खुले टैंक में तली के निकट 2m * m ^ 2 अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल का कोई छोटा छिद्र उपस्थित है। g = 10m / (s ^ 2) लेते हुए खुले छिद्र से प्रवाहित जल की दर होगी लगभगः
(a) 6.4 * 10 ^ – 6 * m ^ 3 * s ^ – 1
(b) 12.6 * 10 ^ – 6 * m ^ 3 * s ^ – 1
(c) 8.9 * 10 ^ – 6 * m ^ 3 * s ^ – 1
(d) 2.23 * 10 ^ – 6 * m ^ 3 * s ^ – 1
8 एक बेलनाकार टैंक को 3m स्तर तक पानी से भरा जाता है। तल से 52.5 की ऊँचाई पर एक छिद्र किया जाता है। छिद्र के क्षेत्रफल का बेलन के अनुप्रस्थ क्षेत्रफल के साथ अनुपात 0.1 है। छिद्र से जिस चाल से जल बाहर जाता है, उसका वर्ग है ( g = 10m * s ^ – 2 ) (a) 50m ^ 2 * s ^ – 2
(b) 40m ^ 2 * s ^ – 2
(c) 51.5m ^ 2 * s ^ – 2
(d) 50.5m ^ 2 * s ^ – 2
दो छोटे समान द्रव्यमान की गोल धात्विक गेंद घनत्व rho_{1} तथा rho_{2}(rho_{1} = 8rho_{2}) वाले पदार्थों से बनी हैं तथा उनकी त्रिज्या क्रमशः 1 mm व 2 mm है। इन्हे ऊर्ध्वाधर दिशा में एक श्यनतासहित माध्यम, जिसका श्यनता गुणांक १ तथा घनत्व 0.1 rho_{2} है, में गिराया जाता है (विरामावस्था से)। उनके अंतिम वेग का अनुपात होगा। (rho = p = रो)
(a) 79/72
(b) 19/36
(c) 39/72
(d) 79/36
- त्रिज्या का एक छोटा गोला विराम अवस्था से एक श्यनसहित द्रव्य में गिरती है। श्यनबल के फलस्वरूप ऊष्मा उत्पन्न होती है। जब गोला अंतिम वेग प्राप्त करता है। ऊष्मा उत्पन्न होने की दर, इसके समानुपाती है
(a) r ^ 3
(b) r ^ 2
(c) r ^ 5
(d) r ^ 4
- अभिकथन : श्यनता बल दव्य के प्रतिरोध का मापन है। तर्क : श्यनता बल द्वारा किया गया कार्य गतिज ऊर्जा को द्रव्य की ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
(a) दोनों अभिकथन व तर्क सही हैं तथा तर्क अभिकथन की सही व्याख्या है।
(b) दोनों अभिकथन व तर्क सही है परंतु तर्क अभिकथन की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन सही है परंतु तर्क गलत है।
(d) दोनों अभिकथन तथा तर्क गलत हैं।
यदि 15 लीटर की एक बाल्टी को 2/√π cm व्यास वाली एक पानी की टोंटी से भरने में 5 मिनट समय लगता है, तो प्रवाह के लिए रेनॉलड्स संख्या (जल का घनत्व = 10 ^ 3 * kg / (m ^ 3) ) तथा जल की श्यनता = 10 ^ – 3 * Pas ) का सन्निकट मान है।
(a) 5500
(b) 11,000
(c) 550
(d) 1100
- द्रव्य की एक आयताकार परत को (4cm * 2cm) से ( 5cm * . 4 cm) तक विस्तरित किया जाता है। यदि किया गया कार्य 3 * 10 ^ – 4 * J है, द्रव्य के पृष्ठ तनाव का मान है।
(a) 0.25N * m ^ – 1
(b) 0.125N * m ^ – 1
(c) 0.2N * m ^ – 1
(d) 8N * m ^ – 1
- पृष्ठीय तनाव 2.5 * 10 ^ – 2 * N / m के किसी डिटरजैन्ट विलयन से 1 mm त्रिज्या का कोई साबुन का बुलबुला फुलाया गया है। इस बुलबुले के भीतर का दाब किसी पात्र में भरे जल के मुक्त पृष्ठ के नीचे किसी बिन्दु Z_{0} पर दाब के बराबर है। g = 10m / (s ^ 2) तथा जल का घनत्व = 10 ^ 3 * kg / (m ^ 3) लेते हुए, Z_{0} का मान है:
(a) 0.1 cm
(b)100 cm
(c) 10 cm
(d) 1 cm
- यदि द्रव्य का पृष्ठ तनाव T है, त्रिज्या R के एक द्रव्य की बूँद को r त्रिज्या की 125 बूँदों में विभाजित में पृष्ठीय ऊर्जा में परिवर्तन होगा।
(a) 16πR^2T
(b) 32πR^2T
(c) 18πR^2T
(d) 36πR^2T
- अभिकथनः एक पानी की बूँद काँच के सतह से चिपक जाती है। तर्कः पानी के पास पृष्ठ तनाव की विशेषताएँ होती हैं।
(a) दोनों अभिकथन व तर्क सही हैं तथा तर्क अभिकथन की सही व्याख्या है।
(b) दोनों अभिकथन व तर्क सही है परंतु तर्क अभिकथन की सही व्याख्या नहीं है।
(c) अभिकथन सही है परंतु तर्क गलत है।
(d) दोनों अभिकथन तथा तर्क गलत हैं।
- एक केशनली प्रयोग में एक 30 cm लंबी ऊर्ध्वाधर केशनली को पानी में डुबाया जाता है। केशनली कार्य के कारण, पानी 10 cm ऊँचाई तक चढ़ता है। यदि प्रयोग मुक्तावस्था में गिरती एक लिफ्ट में किया जाए, जल स्तंभ की ऊँचाई होगी।
(a) 10 cm
(b) 20 cm
(c) 30 cm
(d) शून्य
- त्रिज्या R के एक वलय को जल की सतह पर रखा गया है। जल का पृष्ठ तनाव T’ तथा द्रव्यमान m है। वलय को जल की सतह से उठाने के लिए कितना बल आवश्यकता है?
(a) mg + πTR
(b) mg + πR
(c) mg + 2πTR
(d) mg + 4πTR
- जब एक r त्रिज्या का हवा का बुलबुला झील के तल से सतह पर आता है, इसकी त्रिज्या 5r/4 हो जाती है। वायुमंडलीय दाब को 10m ऊँचाई की जल स्तंभ के दाब से समान लेने पर, झील की गहराई का निकटतम मान होगा (पृष्ठ तनाव तथा तापमान के प्रभाव को नगण्य लें)
(a) 11.2 m
(b) 10.5 m
(c) 9.5 m
(d) 8.7 m (JEE Main)