Moving charges and magnetism mcq

  1. गतिमान आवेश और चुंबकत्व (Moving Charges and Magnetism)

NCERT MCQ

  1. दो आवेशित कण एकसमान चुंबकीय क्षेत्र vec B =B o hat k में पूर्ण रूप से विपरीत अर्थ में समरूप सर्पिलाकार पथ पार (Transverse) करते हैं।

(a) इनके आघूर्णों (Momenta) के z-घटक बराबर हैं।

(b) इनके आवेश समान होने चाहिए।

(c) ये आवश्यक रूप से कण-प्रतिकण युग्म को प्रदर्शित करते हैं।

(d) आवेश एवं द्रव्यमान अनुपात को संतुष्ट करते हैं अर्थात् (e/m) 1 +( e m ) 2 =0

  1. बायो-सावर्ट नियम इंगित करता है कि गतिमान इलेक्ट्रॉन (वेग) चुंबकीय क्षेत्र B इस प्रकार उत्पन्न करता है कि-

(a) vec B perpendicular vec v

(b) vec B parlel || vec वे

(c) यह व्युत्क्रम घन नियम का पालन करता है।

(d) यह इलेक्ट्रॉन एवं निरीक्षण बिन्दु को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश होता है।

  1. R त्रिज्या के धारावाही वृत्तीय लूप (पाश) को मूलबिन्दु पर केन्द्र से x – y समतल में रखा गया है। x > 0 के साथ लूप का आधा भाग मोड़ दिया जाता है ताकि यह अब y-z समतल में रहे।

(a) चुंबकीय आघूर्ण का परिमाण अब कम हो जाता है। (b) चुंबकीय आघूर्ण परिवर्तित नहीं होता है।

(c) (0, 0, z), z >>R पर B का परिमाण बढ़ जाता है।

(d) (0,0, z), z >>R पर vec B का परिमाण अपरिवर्तित रहता है।

  1. एक इलेक्ट्रॉन को धारावाही लम्बी परिनालिका के अक्ष के अनुदिश एकसमान वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। निम्न में से कौन-सा सही है?

(a) इलेक्ट्रॉन अक्ष के अनुदिश त्वरित होगा।

(b) इलेक्ट्रॉन का पथ अक्ष के परितः वृत्तीय होगा।

(c) इलेक्ट्रॉन अक्ष से 45° पर बल का अनुभव करेगा तथा इसलिए यह सर्पिलाकार पथ को पूरा करता है।

(d) इलेक्ट्रॉन परिनालिका के अक्ष के अनुदिश एकसमान वेग से सतत् घूमता रहेगा।

  1. किसी साइक्लोट्रॉन में, आवेशित कण

(a) हर समय त्वरण का अनुभव करता है।

(b) चुंबकीय क्षेत्र के कारण डीज के मध्य गति को बढ़ाता है।

(c) एक डी में गति को बढ़ाता है।

(d) एक डी के अन्दर धीमा होता है एवं डीज के मध्य गति को बढ़ाता है।

  1. चुंबकीय आघूर्ण M का एक वृत्तीय धारा लूप (पाश) किसी बाह्य चुंबकीय क्षेत्र B में एक स्वच्छंद अभिविन्यास (Arbitrary orientation) में है। इसके तल के लम्बवत् अक्ष के परितः 30° से लूप को घूर्णन करने में किया गया कार्य होगा-

(a) MB

(c) MB 2

(b) √3 MB 2

(d) शून्य

PYQ VVI MCQS

  1. दिखाए गए अनंत लम्बाई के चालक में 5 एम्पियर की धारा प्रवाहित होती है। चालक के समान्तर एक इलेक्ट्रॉन 105 मी./से. की चाल से गति करता है। एक क्षण पर इलेक्ट्रॉन तथा चालक के बीच लम्बवत् दूरी 20 से.मी. है। उस क्षण पर इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभव किए जाने वाले बल के परिमाण की गणना कीजिए।

(a) 8pi * 10 ^ – 20 न्यूटन

(b) 4pi * 10 ^ – 20 न्यूटन

(c) 8 * 10 ^ – 20 न्यूटन

(d) 4 * 10 ^ – 20 न्यूटन

  1. 0.5kg * m ^ – 1 प्रति इकाई लम्बाई द्रव्यमान की किसी धातु की क्षैतिज छड़ को एक चिकने आनत तल पर जो क्षैतिज से 30 deg का कोण बनाता है, रखा गया है। इस छड़ को इसमें विद्युत धारा प्रवाहित कराकर नीचे सरकने नहीं दिया जाता जब इस पर 0.25 T प्रेरण का चुंबकीय क्षेत्र ऊर्ध्वाधर दिशा में कार्य कर रहा है। छड़ को स्थिर रखने के लिए इसमें प्रवाहित धारा है:

(a) 14.76 A

(b) 5.98 A

(c) 7.14 A

(d) 11.32 A

  1. एक प्रोटॉन तथा एक अल्फा कण, किसी एक समान चुंबकीय क्षेत्र vec B में प्रवेश करते हैं। इनकी गति की दिशा क्षेत्र B के लम्बवत् है। यदि दोनों कणों के लिए वृत्ताकार कक्षाओं की त्रिज्या आपस में बराबर है और प्रोटॉन द्वारा अर्जित गतिज ऊर्जा 1 MeV है, तो अल्फा कण द्वारा अर्जित ऊर्जा होगी:

(a) 0.5 MeV

(b) 1.5 MeV

(c) 1 MeV

(d) 4 MeV

  1. दो सर्वसम (एक से) लम्बे चालक तार AOB तथा COD, एक दूसरे के ऊपर, आपस में लम्बवत् रखे गए हैं, और एक दूसरे को ‘O’ बिन्दु पर काटते हैं। इनसे क्रमशः I_{1} तथा I_{2} धाराएँ प्रवाहित हो रही हैं। बिंदु ‘O’ से ‘d’ दूरी पर, दोनों तारों के तल के लम्बवत् दिशा के अनुदिश स्थित किसी बिन्दु ‘P’ पर चुंबकीय क्षेत्र का मान होगा:

(a) mu_{0} * 2pi*d * (I_{1}/I_{2})

(b) mu_{0} * 2pi*d * (I_{1} + I_{2})

(c) mu_{0} * 2pi*d * (I_{1} ^ 2 – I_{2} ^ 2)

(d) mu_{0} * 2pi*d * (I_{1} ^ 2 + I_{2} ^ 2) ^ (1/2)

  1. जब किसी कमरे में एक प्रोटॉन को विराम अवस्था से मुक्त किया जाता है तो, यह प्रारम्भिक त्वरण a_{0} से पश्चिम दिशा की ओर गति करता है। यदि इसे v_{0} वेग से उत्तर दिशा की ओर प्रेक्षित किया जाता है तो यह प्रारम्भिक त्वरण 3a_{0} से पश्चिम दिशा की ओर चलता है, तो इस कमरे में वैद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र हैं:

(a) mao/e पश्चिम की ओर, e 2mao/evo ऊपर की ओर

(b) mao/e पश्चिम की ओर, e 2mao/evo नीचे की ओर

(c) mao /e पूर्व की ओर, 3ma,/evo ऊपर की ओर

(d) mao/e पूर्व की ओर, 3ma/evo, नीचे की ओर

  1. किसी क्षेत्र में, एकसमान विद्युत और एकसमान चुंबकीय क्षेत्र एक ही दिशा के अनुदिश कार्य कर रहे हैं। यदि इस क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉन इस प्रकार प्रक्षेपित किया जाए कि उसके वेग की दिशा, क्षेत्रों की दिशा में हो, तो इलेक्ट्रॉनः

(a) अपनी गति की दिशा की दाई ओर मुड़ेगा।

(b) की चाल कम हो जाएगी।

(c) की चाल बढ़ जाएगी।

(d) अपनी गति की दिशा की बाई ओर मुड़ जाएगा।

  1. विद्युतवाही एक लूप (पाश) में दो एक समान अर्धवृत्ताकार भाग हैं। प्रत्येक की त्रिज्या R है। एक x-y समतल में और दूसरा x-z समतल में स्थित है। यदि लूप (पाश) में विद्युत धारा । हो, तो उनके उभयनिष्ठ केन्द्र पर दोनों अर्धवृत्ताकार भागों के द्वारा उत्पन्न परिणामी चुंबकीय क्षेत्र हैं:

(a) (mu_{0}*i)/(2R)

(b) (mu_{0}*i)/(4R)

(c) (mu_{0}*i)/(sqrt(2R))

(d) (mu_{0}*i)/(2sqrt(2R))

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top