14.दोलन (Oscillations)
NCERT MCQS
- किसी कण के विस्थापन को समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। कण की गति y=3 cos( π/4 -2 omega t) pi =π
(a) आवर्तकाल 2π/omega के साथ सरल आवर्ती
(b) आवर्तकाल π/omega के साथ सरल आवर्ती
(c) आवर्ती किन्तु सरल आवर्ती नहीं
(d) अनावर्ती
- किसी कण के विस्थापन समीकरण को y = sin^3 (omega*t) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। गति’ है-
(a) अनावर्ती
(b) आवर्ती किन्तु सरल आवर्ती नहीं
(c) आवर्तकाल 2pi / omega से सरल आवर्ती
(d) आवर्तकाल pi / omega से सरल आवर्ती
- चार कणों के त्वरण एवं विस्थापन के मध्य सम्बन्ध नीचे दिया गया है-
(a) a_{x} = 2x
(b) a_{x} = 2x ^ 2
(c) a_{x} = – 2x ^ 2
(d) a_{x} = – 2x
कौन-सा कण सरल आवर्त गति कर रहा है?
- किसी U नली में दोलन करते द्रव स्तंभ की गति है-
(a) आवर्ती किन्तु सरल आवर्ती नहीं
(b) अनावर्ती
(c) सरल आवर्ती तथा आवर्तकाल द्रव के घनत्व पर निर्भर नहीं करता है।
(d) सरल आवर्ती तथा आवर्तकाल, द्रव के घनत्व के समानुपाती होता हैं।
- एक कण परस्पर अभिलंबवत् (Mutually perpendicular) सरल आवर्त गतियों x = a coswt एवं y = a sinot के द्वारा युगपत् रूप से क्रियान्वित है। कण की गति का प्रक्षेप पथ होगा-
(a) दीर्घवृत्त (b) परवलय (c) वृत्त (d) सरल रेखा
- किसी कण का विस्थापन सम्बन्ध, y = a sin omega t + b cos omega t के अनुसार समय के साथ परिवर्तित होता है।
(a) गति दोलनी है किन्तु सरल आवर्त गति नहीं।
(b) आयाम a + b के साथ गति सरल आवर्त गति है।
(c) आयाम a² + b² के साथ गति सरल आवर्त होती है।
(d) आयाम √a² + √b² के साथ गति सरल आवर्त गति है।
- किसी कण की गति का समीकरण x = a * cos^2 (alpha*t) है। गति है-
(a) आवर्ती किन्तु दोलनी नहीं
(b) आवर्ती एवं दोलनी
(c) दोलनी किन्तु आवर्ती नहीं
(d) न तो आवर्ती न दोलनी
- सरल आवर्त गति करते हुए एक कण की अधिकतम चाल 30 सेमी सेकण्ड एवं अधिकतम त्वरण 60 सेमी सेकण्ड-2 है। दोलन की आवृत्ति होगी-
(a) सेकण्ड
(b) pi/2 सेकण्ड
(c) 2pi सेकण्ड
(d) pi/t सेकण्ड
Pyq Vvi MCQs
- एक वस्तुवस्तु n आवृत्ति से सरल आवर्त करती है। इसकी स्थितिज ऊर्जा की आवृत्ति है:
(a) 2n
(b) 3n
(c) 4n
(d) n
- एक स्प्रिंग 10 न्यूटन के बल से 5 से.मी. खिंची होती है। जब 2 कि.ग्रा. द्रव्यमान को इससे लटकाया जाता है, तो दोलन का आवर्तकाल होता है :
(a) 6.28 सेकण्ड
(b) 3.14 सेकण्ड
(c) 0.628 सेकण्ड
(d) 0.0628 सेकण्ड
- एक कण आयाम 3cm के साथ रेखीय सरल आवर्त गति में है। जब यह कण अपनी माध्य स्थिति से 2cm दूरी पर होती है तो उस समय इसके वेग का परिमाण, इसके त्वरण के परिमाण के बराबर होता है। इस कण का आवर्त काल (सेकंड में) है: sqrt = √
(a) (sqrt(5))/pi
(b) (sqrt(5))/(2pi)
(c) (4pi)/(sqrt(5))
(d) (2pi)/(sqrt(3))
- 1 m लम्बाई का एक सरल लोलक कोणीय आवृत्ति 10 rad/s से दोलन कर रहा है। लोलक का आधार ऊपर तथा नीचे एक लघु कोणीय आवृत्ति 1 rad/s तथा 10^-2 m आयाम से दोलन करना आरम्भ करता है। लोलक की कोणीय आवृत्ति में आपेक्षिक परिवर्तन का निकटतम मान है:
(a) 10^-5 rad/s
(b) 10^-3 rad/s
(c) 1 rad/s
(d) 10-¹ rad/s
- द्रव्यमान 1kg का एक कण 2cm आयाम तथा 5000 रेडियन/सेकंड कोणीय आवृति के साथ कर रहा है। दोलन की कुल ऊर्जा ज्ञात करें। सरल आवर्त गति
(a) 2 kJ
(b) 5 kJ
(c) 7 kJ
(d) 15 kJ
- अभिकथन : सरल आवर्त गति में, जब विस्थापन आयाम के (1/√2) गुना होता है, तो स्थितिज व गतिज ऊर्जा एक समान हो जाती है।
तर्क : सरल आवर्त गति में, जब स्थितिज ऊर्जा अधिकतम होती है, तो गतिज ऊर्जा शून्य होती है।
(a) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं तथा तर्क, अभिकथन की सही व्याख्या करता है।
(b) अभिकथन और तर्क दोनों सही हैं लेकिन तर्क, अभिकथन की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) अभिकथन सही है, लेकिन तर्क गलत है।
(d) अभिकथन और तर्क दोनों गलत हैं।
- एक अवमन्दित आवर्ती दोलक का विस्थापन x(t) = e^-0.1t × cos (10πt + φ) है, यहाँ । सेकण्ड में है। इसके दोलन आयाम को अपने आरम्भिक मान से आधा होने में लगे समय का सन्निकट मान होगा
(a) 13 s
(b) 7 s
(c) 4s
(d) 27 s
द्रव्यमान M का एक दोलक विभव V = 1/2 * k * (x – X) ^ 2 14. में इसकी साम्यावस्था में विरामावस्था में रखा है। द्रव्यमान का एक कण दायीं ओर से 4 चाल से आकर M से पूर्णयताः अप्रत्यास्थया टकराता है तथा इससे चिपक जाता है। हर बार जब दोलक साम्यावस्था से गुजरता है, यह प्रक्रिया होती है। 13 दोलनों के बाद दोलन का आयाम है ( M = 10 , m = 5, u = 1 , k = 1) √ = sqrt
(a) 1/(sqrt(3))
(b) 2/3
(0) sqrt(3/5)
(d) 1/2