9 किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र (Ray Optics and Optical Instruments)
NCERT MCQs
- एक प्रिज्म के अपवर्तक पृष्ठ पर कोण पर आपतित प्रकाश की किरण दूसरे पृष्ठ से अभिलंबवत् निर्गत होती है। यदि प्रिज्म का कोण 5° है तथा प्रिज्म अपवर्तनांक 1.5 के पदार्थ का बना है, तो आपतन कोण (Angle of incidence) होगा-
(a) 7.5°
(b) 5°
(c) 15°
(d) 2.5°
- श्वेत प्रकाश की एक छोटी-सी स्पंद वायु से काँच के गुटके पर लंबवत् आपतित होती है। गुटके में से गुजरने के पश्चात् निर्गत होने वाला पहला रंग होगा-
(b) हरा
(a) नीला
(c) बैंगनी
(d) लाल
- एक वस्तु किसी अभिसारी लेंस की ओर लेंस की बाईं ओर से 5 ms-1 की एकसमान चाल से जाती है तथा फोकस पर रुक जाती है। प्रतिबिंब –
(a) एकसमान चाल 5 ms¹ के साथ लेंस से दूर जाता है।
(b) एकसमान त्वरण के साथ लेंस से दूर जाता है।
(c) असमान त्वरण के साथ लेंस से दूर जाता है।
(d) असमान त्वरण के साथ लेंस की ओर जाता है।
- हवाईजहाज में एक यात्री
(a) इन्द्रधनुष को कभी नहीं देखेगा।
(b) संकेन्द्रीय वृत्तों के रूप में प्राथमिक एवं द्वितीयक इन्द्रधनुष को देख सकता है।
(c) सकेन्द्रीय चापों के रूप में प्राथमिक एवं द्वितीयक इन्द्रधनुष को देख सकता है।
(d) द्वितीयक इन्द्रधनुष को कभी नहीं देखेगा।
आपको प्रकाश के चार स्रोत दिए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक एकल रंग – लाल, नीला, हरा व पीला के प्रकाश को प्रदान करता है। माना कि दो माध्यमों के अन्तरापृष्ठ पर किसी विशेष आपतन कोण के संगत पीले प्रकाश की किरण के लिए अपवर्तन कोण 90° है। निम्न में से कौन-सा कथन सही है, यदि पीले प्रकाश का स्रोत, आपतन कोण को परिवर्तित किए बिना अन्य प्रकाशों से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है?
(a) लाल प्रकाश की किरण में पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होगा।
(b) लाल प्रकाश की किरण अभिलम्ब की ओर तब झुक जाएगी जब यह द्वितीय माध्यम में अपवर्तित होगी।
(c) नीले प्रकाश की किरण में पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होगा।
(d) हरे प्रकाश की किरण अभिलम्ब से दूर झुक जाएगी क्योंकि यह द्वितीय माध्यम से अपवर्तित होती है।
6. एक समतलोत्तल लेंस के वक्रीय पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। यदि लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक 1.5 है, तो यह-
(a) केवल उन वस्तुओं के लिए उत्तल लेंस के रूप में कार्य करेगा जो इसकी वक्र की ओर स्थित हो।
(b) उन वस्तुओं के लिए अवतल लेंस के रूप में कार्य करेगा जो इसके वक्र की ओर स्थित हों।
(c) उत्तल लेंस की तरह काय करेगा, इस बात से परे कि वस्तु किस ओर स्थित है।
(d) अवतल लेंस की तरह कार्य करेगा, इस बात से परे कि वस्तु किस ओर स्थित है।
- आयनमण्डल के द्वारा रेडियो तरंगों के परावर्तन में शामिल अवधारणा किसके समरूप होती है?
(a) किसी समतल दर्पण के द्वारा प्रकाश के परावर्तन के
(b) किसी मरीचिका के दौरान वायु में प्रकाश के पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के
(c) किसी इन्द्रधनुष के बनने के दौरान जल के अणुओं द्वारा प्रकाश के वर्ण विक्षेपण के
(d) वायु के कणों के द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के
PYQ VVI MCQS
- समान अक्ष के अनुदिश d दूरी पर एक 20 से.मी. फोकस दूरी का उत्तल लेन्स A तथा 5 से.मी. फोकस दूरी का अवतल लेन्स B रखे हैं। यदि A पर आपतित समान्तर प्रकाश पुन्ज B से निकलने पर भी समान्तर पुन्ज रहती हैं, तो दूरी व से.मी. में होगी:
(a) 15
(b) 50
(c) 30
(d) 25 (NEET)
- 30 से.मी फोकस दूरी के उत्तल लेन्स से 60 से.मी. दूरी पर एक बिन्दु वस्तु उपस्थित है। यदि एक समतल दर्पण, मुख्य अक्ष के लम्बवत् तथा इससे 40 से.मी. दूरी पर रखा जाता है, तो अन्तिम प्रतिबिम्ब कितनी दूरी पर पाया जाएंगा :
(a) 30 से.मी. लेन्स से, यह वास्तविक प्रतिबिम्ब होगा।
(b) 30 से.मी. समतल दर्पण से, यह आभासी प्रतिबिम्ब होगा।
(c) 20 से.मी. समतल दर्पण से, यह आभासी प्रतिबिम्ब होगा।
(d) 20 से.मी. लेन्स से, यह वास्तविक प्रतिबिम्ब होगा।
- पूर्ण आन्तरिक परावर्तन में जब सम्पर्क के माध्यमों के युगल के लिए आपतन कोण क्रांतिक कोण के बराबर होता है, तो अपवर्तन कोण कितना होगा?
(a) 90°
(b) 180°
(c) 0°
(d) आपतन कोण के बराबर
- फोकस दूरी f के दो समान पतले समतलोत्तल लेंस एक दूसरे के 9 सम्पर्क में समाक्ष इस प्रकार रखे गए हैं कि संयोजन की फोकस दूरी F₁ है। जब इन दोनों के बीच के स्थान में ग्लिसरीन (जिसका अपवर्तनांक कांच के अपवर्तनांक (µ = 1.5) के बराबर है) भर दी जाती है, तो तुल्य फोकस दूरी F₂ है। अनुपात F₁: F₂ होगा
(a) 3:4
(b) 2:1
(c) 1:2
(d) 2:3
- किसी खगोलीय अपवर्ती दूरदर्शक का कोणीय आवर्धन अधिक और कोणीय विभेदन उच्च होगा, यदि इसके अभिदृश्यक लेंस की
(a) फोकस दूरी अधिक और व्यास बड़ा हो
(b) फोकस दूरी अधिक और व्यास छोटा हो
(c) फोकस दूरी कम और व्यास बड़ा हो
(d) फोकस दूरी कम और व्यास छोटा हो
(NEET)
- किसी प्रकाश स्रोत, L से, प्रकाश का एक किरणपुंज, उससे x दूरी पर स्थित एक समतल दर्पण पर लम्बवत् पड़ता है। इस किरणपुंज के वापस परावर्तन से, स्रोत L के ठीक ऊपर स्थित एक पैमाने (स्केल) पर प्रकाश का एक बिन्दु बनता है। दर्पण को किसी अल्प कोण, से घुमाने पर, यह प्रकाश बिन्दु उस पैमाने पर y दूरी से विचलित हो जाता है। तो, 0 का मान होगा :
(a) y/(2x)
(b) y/x
(c) x/(2y)
(d) x/y
- एक व्यक्ति अपनी आँख से केवल 50 cm तथा 400 cm दूरी के बीच स्थित, वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकता है। सुस्पष्ट दर्शन की अधि कतम दूरी को अनन्त तक करने के लिए उस व्यक्ति को किस प्रकार के और कितनी शक्ति के संशोधक लेंस की आवश्यकता होगी?
(a) अवतल, 0.2 डायोप्टर
(b) उत्तल, + 0.15 डायोप्टर
(c) उत्तल, + 2.25 डायोप्टर
(d) अवतल, 0.25 डायोप्टर
- अपवर्तनांक mu_{1} = 1.5 के काँच से बने 15 deg कोण के एक पतले प्रिज्म को अपवर्तनांक mu_{2} = 1.75 के काँच के अन्य प्रिज्म के साथ संयुक्त किया जाता है। प्रिज्मों का संयोजन बिना विचलन के विक्षेपण उत्पन्न करता है। दूसरे प्रिज्म का कोण होगाः
(a) 5 deg
(c) 10 deg
(b) 7 deg
(d) 12 deg
15. 5/3 अपवर्तनांक वाले पानी के तालाब के ऊपर न्यूनतम कितने अर्द्ध व्यास की चकती रखी जाए ताकि प्रकाश पानी से बाहर न आ सके, जबकि प्रकाश स्त्रोत पानी की सतह से 4 मीटर की गहराई पर है?
(a) ∞
(b) 3 m
(c) 6 m
(d) 4 m