Semiconductor Electronics: Materials, Devices and Simple Circuits MCQ

14 अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकीः पदार्थ, युक्तियाँ तथा सरल परिपथ (Semiconductor Electronics: Materials, Devices and Simple Circuits)
NCERT MCQs
1. किसी अर्धचालक की चालकता ताप में वृद्धि के साथ बढ़ जाती है क्योंकि

(a) मुक्त धारा वाहकों की संख्या घनत्व बढ़ जाता है

(b) श्रांति काल (Relaxation time) बढ़ जाता है

(c) वाहकों का संख्या घनत्व एवं श्रांति काल दोनों बढ़ जाते हैं।

(d) धारा वाहकों का संख्या घनत्व बढ़ जाता है, श्रांति काल कम हो जाता है किन्तु श्रांति काल में कमी का प्रभाव संख्या घनत्व में वृद्धि की अपेक्षा बहुत कम होता है।

  1. होल है-

(a) इलेक्ट्रॉन का प्रतिकण

(b) जब एक इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बन्ध को छोड़ता है तो उत्पन्न होने वाला रिक्त स्थान

(c) मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति

(d) कृत्रिम रूप से उत्पन्न कण

PYQ VVI MCQs

  1. निम्नलिखित कथनों (A) तथा (B) पर विचार कीजिए तथा सही उत्तर को चिन्हित कीजिए।

(A) एक जेनर डायोड पश्चदिशिक बायसित होता है, जब विभव

नियन्त्रक की तरह प्रयुक्त होता है। (B) p-n सन्धि का विभव रोधिका 0.1 वोल्ट तथा 0.3 वोल्ट के बीच होता है।

(a) दोनों (A) तथा (B) गलत हैं।

(b) (A) सत्य है परन्तु (B) गलत है।

(c) (A) गलत है परन्तु (B) सत्य है।

(d) दोनों (A) तथा (B) सत्य हैं।

  1. यदि इस तन्त्र ऊष्मा इंजन के रूप में किसी कार्नो इंजन की दक्षता 1/10 है।इसका उपयोग एक रेफ्रीजरेटर की भाँति किया जाता है। (निकाय) पर किया गया कार्य 10 J हो तो, निम्न ताप पर कुंड से अवशोषित ऊर्जा का मान होगा

(a) 1J

(b) 90J

(c) 99)

(d) 100J

  1. किसी CF ट्रांजिस्टर प्रवर्धक में संग्राहक प्रतिरोध 2k2 है। इसके सिरों के बीच श्रव्य संकेत (ऑडियो सिग्नल) वोल्टता 4V है। यदि ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धक गुणांक 100 तथा आधार प्रतिरोध 1k2 है, तो निवेश संकेत वोल्टता का मान होगा:

(a) 30 mV

(b) 15 mV

(c) 10 mV

(d) 20 mV

  1. n-प्रकार के अर्धचालक के लिए कौन-सा कथन सत्य है?

(a) इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक आवेश वाहक, तथा त्रिसंयोजक परमाणु अपमिश्रक होते हैं।

(b) इलेक्ट्रॉन अल्पांश आवेश वाहक तथा पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक होते हैं।

(c) होल अल्पांश आवेश वाहक तथा पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक होते हैं।

(d) होल बहुसंख्यक आवेश वाहक होते हैं तथा त्रि-संयोजक परमाणु (NEET) अपमिश्रक होते हैं।

  1. किसी उभयनिष्ठ उत्सर्जक (CE) प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि ‘G’ है। प्रयुक्त ट्रांजिस्टर की अन्तराचालकता (ट्रान्सकन्डक्टैन्स) 0.03 म्हो और धारा लब्धि 25 है। यदि इस ट्रांजिस्टर के स्थान पर एक अन्य ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाए जिसकी अन्तराचालकता 0.02 म्हो तथा धारा लब्धि 20 हो, तो वोल्टता लब्धि होगी:

() 2/3 * G

(b) 1.5 G

(C) 1/3 * G

(d) 5/4 * G NEET)

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