- d- एवं f-ब्लॉक के तत्त्व (The d-and f-Block Elements)
NCERT MCQs
- + 3 ऑक्सीकरण अवस्था में संक्रमण तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d ^ 5 होता है। इसका परमाणु क्रमांक क्या है?
(a) 25
(b) 26
(c) 27
(d) 24
- Cu (II) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d ^ 9 होता है जबकि Cu (I) का 3d ^ 10 है। निम्न में से कौन-सा सही है?
(a) Cu (II) अधिक स्थायी है। (b) Cu (II) कम स्थायी है।
(c) Cu (I) एवं Cu (II) समान रूप से स्थायी हैं।
(d) Cu (I) एवं Cu (II) का स्थायित्व कॉपर लवणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- सामान्यतः संक्रमण तत्त्व अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण रंगीन लवण बनाते हैं। निम्न में से कौन-सा यौगिक ठोस अवस्था में रंगीन होगा?
(d) Cu_{2}C*l_{2}
(a) Ag_{2}S*O_{4}
(b) CuF2
(c) ZnF2
- सान्द्र H_{2}SO_{4} में KMnO₄ की थोड़ी मात्रा मिलाने पर, एक हरा तैलीय यौगिक प्राप्त होता है जो प्रकृति में अधिक विस्फोटक होता है। निम्नलिखित में से उस यौगिक को पहचानिए।
(a) Mn_{2}O_{7}
(b) MnO2
(c) MnSO4
(d) Mn_{2}O_{3}
- तत्त्वों की चुम्बकीय प्रवृत्ति अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति पर निर्भर करती है। अतः संक्रमण तत्त्वों के उस विन्यास को पहचानिए, जो अधिकतम चुम्बकीय आघूर्ण दर्शाता है।
(a) 3d ^ 7
(b) 3d ^ 5
(c) 3d ^ 8
(d) 3d ^ 2
- निम्न में से कौन-सी ऑक्सीकरण अवस्था सभी लैन्थेनॉयडों के लिए सामान्य होती है?
(a) +2
(b) +3
(c) +4
(d) +5
- जब KMnO, विलयन को ऑग्जेलिक अम्ल बिलयन में मिलाया जाता है, तो विवर्णीकरण (Decolourisation) शुरू में कम होता है लेकिन कुछ समय पश्चात् तात्क्षणिक हो जाता है क्योंकि
(a) CO₂ उत्पाद के रूप में बनता है।
(b) अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है।
(c) MnO अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।
(d) Mn2+ स्वतः उत्प्रेरक की भाँति कार्य करता है।
- ऐक्टिनॉयड श्रेणी में 14 तत्त्व होते हैं। निम्न में से कौन-सा तत्त्व इस श्रेणी से सम्बन्धित नहीं है?
(a) U
(b) Np
(c) Tm
(d) Fm
- KMnO4 अम्लीय माध्यम में एक ऑक्सीकरण की भाँति कार्य करता है। KMnO₄ के मोलों की वह संख्या जो अम्लीय विलयन में सल्फाइड आयनों के एक मोल के साथ क्रिया करने के लिए आवश्यक होगी, वह है-
(a) 2/5
(b) 3/5
(c) 4/8
(d) 1/5
- निम्न में से कौन-सा उभयधर्मी ऑक्साइड है? Mn_{2}O_{7} CrO3, Cr_{2}O_{3} CrO, V_{2}O_{5} V_{2}O_{4}
(a) V_{2}O_{5}, Cr_{2}*O_{3}
(b) Mn_{2}O_{7}, Cr*O_{3}
(c) CrO, V_{2}*O_{5}
(d) V_{2}O_{5}, V_{2}O_{4}
- गैडोलिनियम 4f श्रेणी से सम्बन्धित है। इसका परमाणु क्रमांक 64 है। निम्न में से गैडोलिनियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है?
(a) [Xe] 4f7 5d 6s²
(b) [Xe] * 4f ^ 6 * 5d ^ 2 * 6s ^ 2
(c) [Xe] 4f ^ 8 * 6d ^ 2
(d) [Xe] * 4f ^ 9 * 5s ^ 1
- जब छोटे आकार के परमाणु धातुओं के क्रिस्टल जालक में समा जाते हैं, तब अंतराकाशी (Interstitial) यौगिक बनते हैं। निम्न में से कौन-सा अंतराकाशी यौगिकों का लक्षणात्मक गुण नहीं है?
(a) इनके गलनांक शुद्ध धातुओं की तुलना में उच्च होते हैं।
(b) ये बहुत कठोर होते हैं।
(c) ये धात्विक चालकता को स्थापित करते हैं।
(d) ये रासायनिक रूप से बहुत क्रियाशील होते हैं।
- चुम्बकीय आघूर्ण अपने चक्रण कोणीय संवेग एवं कक्षक कोण् गीय संवेग के साथ संबंधित होते हैं। C r^ 3+ आयन का केवल चक्रण चुम्बकीय आघूर्ण मान है-
(a) 2.87 B.M.
(b) 3.87 Β.Μ.
(c) 3.47 В.М.
(d) 3.57 B.M.
- KMnO₄ क्षारीय माध्यम में एक ऑक्सीकारक की भाँति कार्य करता है। जब क्षारीय KMnO₁₄ को KI के साथ उपचारित किया जाता है, तो आयोडाइड आयन किसमें ऑक्सीकृत हो जाता है?
(a) I_{2}
(b) I O^ –
(c) I O 3 ^ –
(d) I O 4 ^ –
- निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) कॉपर अम्लों से हाइड्रोजन को मुक्त करता है।
(b) उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्थाओं में मैंगनीज, ऑक्सीजन एवं फ्लुओरीन के साथ स्थायी यौगिक बनाता है।
(c) M n^ 3+ एवं C o^ 3+ जलीय विलयन में ऑक्सीकारक होते हैं।
(d) T i^ 2+ एवं C r^ 2+ जलीय विलयन में अपचायक होते हैं।
- जब अम्लीकृत K_{2}Cr_{2}*O_{7} विलयन को S n^ 2+ लवणों में मिलाया जाता है, तो S n^ 2+ किसमें परिवर्तित होता है?
(a) Sn
(b) S n^ 3+
(c) S n^ 4+
(d) S n^ +
PYQ VVI MCQs
- C r^ 2+ के लिए, केवल प्रचक्रण चुंबकीय आघूर्ण का परिकलित मान है-
(a) 4.90 BM
(b) 5.92 BM
(c) 2.84 BM
(d) 3.87 BM
- निम्न में से असत्य कथन है-
(a) अधिकांश त्रिसंयोजी लैन्थेनॉयड आयन ठोस अवस्था में रंगहीन होते हैं।
(b) लैन्थेनॉयड ऊष्मा एवं विद्युत के अच्छे चालक होते हैं।
(c) ऐक्टिनॉयड अत्यधिक अभिक्रियाशील धातुएँ हैं, विशेष रूप से जब वे सूक्ष्म विभाजित हैं
(d) लैन्थेनॉयड आकुंचन की तुलना में एक तत्त्व से दूसरे तत्त्व का ऐक्टिनॉयड आकुंचन अधिक है।
- r(Z = 40) एवं Hf (Z = 72) के परमाण्विक एवं आयनिक त्रिज्याएँ समान हैं। इसका कारण है-
(a) विकर्ण सम्बन्ध
(b) लैन्थेनॉयड आकुंचन
(c) दोनों के रासायनिक गुणधर्म समान हैं
(d) दोनों समान समूह के सदस्य हैं।
- निम्नलिखित में से कौन-सा आयन d-d संक्रमण दर्शाता है तथा साथ ही अनुचुम्बकत्व भी?
(a) MnO
(b) C*r_{2} O 7 ^ 2-
(c) Cro
(d) MnO
- HgCl₂ एवं I_{2} दोनों को Ⅰ आयन युक्त जल में घोलने पर बनने वाली स्पीशीज़ युग्म हैं-
(a) HgI2, I3
(b) HgI2, I
(c) Hgl, 15
(d) Hg_{2}I_{2} ,I^ –
- मैंगनेट तथा परमैंगनेट आयन जिस कारण से चतुष्फलकीय है, वह है-
(a) -आबन्धन में मैंगनीज़ के -कक्षक के साथ ऑक्सीजन के d-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
(b) -आबन्धन में मैंगनीज के d-कक्षक के साथ ऑक्सीजन के p-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
(c) -आबन्धन नहीं है।
(d) -आबन्धन में मैंगनीज के p-कक्षक के साथ ऑक्सीजन के p-कक्षक का अतिव्यापन होता है।
- निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है जब SO₂ को अम्लीय K₂Cr₂O, के विलयन में से पास किया जाता है?
(a) S*O_{2} अपचयित होता है।
(b) हरा Cr 2 (S*O_{4}) 3 बनता है।
(c) विलयन नीला पड़ जाता है।
(d) विलयन रंगहीन हो जाता है।
- Eu (प.स. 63), Gd (प.स. 64) और Tb (प.स. 65) के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है-
(a) [Xe] * 4f ^ 6 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2 [Xe] * 4f ^ 7 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2 और [Xe] * 4f ^ 8 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2
(b) [Xe] 4f ^ 7 * 6s ^ 2 [Xe] * 4f ^ 7 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2 और [Xe] * 4f ^ 9 * 6s ^ 2
(c) [Xe] 4f ^ 7 * 6s ^ 2 [Xe] * 4f ^ 8 * 6s ^ 2 और [Xe] * 4f ^ 8 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2
(d) [Xe] 4f ^ 6 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2 [Xe] * 4f ^ 7 * 5d ^ 1 * 6s ^ 2 और [Xe] * 4f ^ 9 * 6s ^ 2
- पूर्ण आयनीकरण को मानते हुए, निम्नलिखित में से कौन-से यौगिक के पूर्ण ऑक्सीकरण में सबसे कम मात्रा में अम्लीय KMnO₄ की आवश्यकता होगी?
(a) FeSO4
(b) FeSO3
(c) FeC2O4
(d) Fe (N*O_{2}) 2
- निम्न में से कौन-सा लैन्थेनॉयड आयन प्रतिचुंबकीय है?
(परमाणु क्रमांक Ce = 58 Sm = 62 Eu = 63 Yb = 70 )
(a) C e^ 2+
(b) S m^ 2+
(c) E u^ 2+
(d) Y b^ 2+
- निम्न में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) अम्लीय K_{2}Cr_{2}O_{7} विलयन में H_{2}S प्रवाहित करने पर दूधिया रंग दिखाई पड़ता है।
(b) आयनात्मक विश्लेषण में K_{2}Cr_{2}O_{7} के ऊपर Na_{2}Cr_{2}*O_{7} को वरीयता दी जाती है।
(c) अम्लीय माध्यम में K_{2}Cr_{2}*O_{7} का विलयक नारंगी होता है।
(d) 7 के ऊपर pH बढ़ाने पर K_{2}Cr_{2}*O_{7} विलयन पीला होता है।
- एक के बाद एक चार संक्रमण तत्त्वों (Cr, Mn, Fe तथा Co) में +2 उपचयन अवस्था का स्थायित्व निम्न में से किस क्रम में होगा?
(a) Mn > Fe > Cr > Co
(b) Fe > Mn > Co > Cr
(c) Co > Mn > Fe > Cr
(d) Cr > Mn > Co > Fe
(प.क्र: Cr = 24 Mn = 25 Fe = 26 Co = 27 )
- निम्न में असत्य कथन पहचानिए-
(a) 4/ इलेक्ट्रॉनों की परिरक्षण शक्ति काफी निर्बल होती है।
(b) परमाणुओं एवं आयनों की त्रिज्याओं में La से Lu की तरफ जाने पर कमी आती है।
(c) लैन्थेनॉइड संकुचन उत्तरोत्तर संकुचनों के संचय का प्रतिफल है।
(d) लैन्थेनॉइड संकुचन के फलस्वरूप 4d श्रेणी के संक्रमण तत्त्वों और 5d श्रेणी के तत्त्वों के गुणधर्मों में कोई समानता नहीं होती है।
- लैन्थेनॉइडों की अपेक्षा ऐक्टिनॉइडों की उपचयन अवस्थाऐं अधिक संख्या में प्रदर्शित होती है। इसका मुख्य कारण है-
(a) 4f तथा 5d ऑर्बिटलों के मध्य की अपेक्षा 5f तथा 5d ऑर्बिटलों के मध्य अधिक ऊर्जा अंतर होना।
(b) 4f तथा 5d ऑर्बिटलों के मध्य की अपेक्षा 5 तथा 6d ऑर्बिटलों के मध्य कम ऊर्जा अंतर होना।
(c) संगत ऐक्टिनॉइडों की अपेक्षा लैन्थेनॉइडों का अधिक धात्वीय स्वभाव ।
(d) ऐक्टिनॉइडों की अधिक क्रियाशीलता।
- निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य नहीं हैं?
(b) लैन्थेनॉइड श्रेणी में Ln³ आयन की आयनिक त्रिज्या घटती है।
(a) La(OH)3, Lu(OH)3 से कम क्षारीय है।
(c) लैन्थेनम संक्रमण श्रेणी का तत्त्व है, लैन्थेनॉइड श्रेणी का नहीं।
(d) Zr एवं Hf की त्रिज्या, लैन्थेनॉइड संकुचन के कारण समान है।